परवेज अख्तर/सिवान: स्वास्थ्य विभाग अब पेपरलेस ट्रीटमेंट की तरफ कदम आगे बढ़ रही है। इससे मरीजों को पेपर रखने या कोई जांच रिपोर्ट गुम हो जाने की समस्या निजात मिल सकेगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक एप विकसित किया गया है जिसका नाम भव्या एप दिया गया है। स्वास्थ्य प्रबंधक मोहम्मद अलाउद्दीन ने बताया कि इस एप के माध्यम से मरीज को किसी भी प्रकार के पेपर लाने या ले जाने की जरूरत नहीं है। प्रत्येक मरीज का एक आइडी जेनरेट होगा उसी आइडी के जरिए मरीजों की बीमारी और जांच से संबंधित जानकारी मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि विभागीय निर्देश पर इस पर काम जोर शोर से चल रहा है। अब सितंबर माह से प्रत्येक सोमवार और शुक्रवार को पेपरलेस ट्रीटमेंट की शुरुआत की गई है। इसमें मरीजों का पंजीकरण से दवा वितरण तक के कार्य शामिल होंगे।
इस व्यवस्था के तहत शुक्रवार को पहले दिन एक सितंबर को 211 मरीज का उपचार भव्या एप के माध्यम से किया गया। उन्होंने बताया कि रघुनाथपुर रेफरल अस्पताल में कार्यरत डा. दीपक ने इस क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत भी हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस आधुनिक व्यवस्था के तहत उपचार जहां ओपीडी में मरीजों की संख्या ज्यादा है और चिकित्सकों संख्या कम हो है वहां इस व्यवस्था के आधार पर काम कर पाना चुनौती भरा कार्य है, क्योंकि इसके लिए चिकित्सकों का समय ज्यादा लग रहा है और रघुनाथपुर रेफरल अस्पताल में ओपीडी में औसतन मरीजों की संख्या 250 रहती है चूंकि ग्रामीण क्षेत्रों में संसाधनों की कमी रहती है। संसाधन चाहे इंटरनेट कनेक्टिविटी की हो या चिकित्सकों की तैनाती की ऐसे में यह व्यवस्था काफी चुनौती है। ज्ञात हो कि रघुनाथपुर रेफरल अस्पताल में सिर्फ दो ही एमबीबीएस चिकित्सक हैं जिसमें चिकित्सा प्रभारी डा. संजीव कुमार सिंह और डा. इरशाद शामिल हैं।