परवेज अख्तर/सिवान : मुख्यालय स्थित रामजानकी मंदिर से मूर्ति की चोरी मामले में छठे दिन भी पुलिस को कोई खास सफलता नहीं मिल पाई है, हालांकि पुलिस सभी बिंदुओं पर गहराई से जांच करने में जुटी हुई है। फिर भी कोई उपलब्धि अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लगी है। चोरी की घटना जहां मंदिर प्रबंधन समिति के लिए अनबुझी पहेली बनी हुई है, वहीं उद्भेदन नहीं होने से लोगों में आक्रोश भी है। इस घटना पर पुलिस भी आश्चर्य कर रही है कि यह घटना कैसे घटी, जबकि मंदिर परिसर में दो साधु सोए हुए थे। कुछ ग्रामीणों का कहना था कि जब मुख्य गेट में ताला लगा था तो, ताला तोड़ने की आवाज अवश्य आई होगी। अगर चोर आसानी से ताला खोलकर अंदर आए तो उसके पास चाबी कहां से आई या उसे किसने चाबी उपलब्ध कराया। ऐसे कई सवाल लोगों के मन में उठ रहे हैं, जिसका जवाब न तो पुलिस ही ग्रामीणों को दे पा रही है और ना ही मंदिर के साधु ही कुछ बोलने को तैयार हो रहे हैं। इस संबंध में महाराजगंज एसडीपीओ संजय कुमार ने बताया कि मंदिर मे लोगों से चोरी के बारे में अलग-अलग जाकर जानकारी ली गई है। इस पर गहराई से जांच की जा रही है। विदित हो कि गत 24 नवंबर की शनिवार की रात दारौंदा मुख्यालय स्थित बीआरसी के समीप रामजानकी मंदिर परिसर से रामजानकी की मूर्ति चोरों ने चुरा ली। इसके बाद थानाध्यक्ष मनोज कुमार प्रभाकर, इंस्पेक्टर अकील अहमद, एसडीपीओ संजय कुमार सहित विभिन्न पदाधिकारी ने जायजा लिया, फिर भी कोई सुराग अब तक नहीं मिल पाई है।
राम जानकी मूर्ति चोरी मामले में पुलिस को नहीं मिला सुराग
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