परवेज अख्तर/सिवान: रमजान की रुखसती के साथ ही ख़ुदा की इबादत का सिलसिला तेज हो गया है. हर रोजेदार की यही तमन्ना होती है कि काश रमजान के दिन और बढ़ जाते तो उन्हें ज्यादा इबादत करने का अवसर मिल जाता. रमजान की नेकियां साल भर रोजेदार की हिफाजत करती हैं. रोजे के साथ ही मुस्लिम परिवारों में ईद की तैयारियां तेज हो गई हैं. लॉकडाउन के चलते बाजारों में रौनक नजर नहीं आ रही है. वहीं खुदा के नेक बंदे हैं जो इन दुनियावी मरहले से दूर होकर अपने रब से रमजान के आखिरी वक्त तक दुआएं मांगने में लगे हुए हैं.
रोजेदार उमर अंसारी ने बताया कि रमजान का आखिरी अशरा रोजेदारों के लिए खासी अहमियत रखता है. खुदा के नेक बंदे सिर सजदे में और हाथ इबादत में उठाये खुदा से यही दुआ करते हैं कि इस बार इबादत ज्यादा नहीं कर पाया ऐ मेरे रब जिंदगी में रमजान की नेमत और मिल जाए ताकि और इबादत का मौका मिले. रमजान में कमाई नेकियों को संजो कर रखना चाहिए. क्योंकि रमजान की नेकियां ही साल भर इंसान को बुरे कामों और बुराईयों से बचाती हैं.