परवेज़ अख्तर/सिवान:- जिले के महादेवा ओपी क्षेत्र के डाक्टर्स कालोनी में शुक्रवार की सुबह एक प्रसूता के प्रसव के बाद नर्सिंग होम और परिजनों के बीच जमकर मारपीट हो गई। मारपीट में दोनों पक्ष से करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गए। घायलों में शामिल प्रसूता के परिजनों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां गंभीर रूप से घायल प्रसूता के पति इस्माइल मियां, भांजी तब्बसुम खातून, नाहिद रजा, अब्दुल सलीम, इस्राइल मियां और बेबी खातून का इलाज पुलिस अभिरक्षा में कराया गया। वहीं महिला चिकित्सक के स्टाफ वशिष्ट नारायण, राजकिशोर यादव और मुन्ना यादव आंशिक रूप से घायल हो गए थे। मामले में विवाद प्रसूता के इलाज के बाद रेफर को लेकर उत्पन्न हुआ था। मिली जानकारी के अनुसार महादेवा ओपी क्षेत्र के बिंदुसार गांव के इस्माइल मियां की पत्नी रूबी खातून को प्रसव के लिए महिला चिकित्सक के नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। इसके बाद देर रात उसने एक बच्चे को जन्म दिया। इसी बीच रात में ही उसकी तबीयत बिगड़ गई। प्रसूता के भांजा ने बताया कि इसके बाद चिकित्सक से उन्हें रेफर करने को कहा गया, लेकिन चिकित्सक द्वारा स्थिति ठीक होने की बात कही गई, लेकिन सुबह उसकी स्थिति जस की तस बनी हुई थी। इसके बाद जब चिकित्सक से इसकी शिकायत की गई तो उन्होंने दुर्व्यवहार किया। इसके बाद इसकी सूचना महादेवा ओपी को दी गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस से अभी बातचीत हो ही रही थी कि चिकित्सक के स्टाफों ने मारपीट शुरू कर दी और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। इस पिटाई में तब्बसूम खातून के सिर में गंभीर चोट आई थी। उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं अन्य का भी सदर अस्पताल में इलाज किया गया। मारपीट की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे एएसपी कांतेश मिश्रा, नगर थाना इंस्पेक्टर सुबोध कुमार, मुफस्सिल थाना प्रभारी महादेवा ओपी के पुलिस पदाधिकारी पहुंचे और जानकारी लेकर मामले को शांत करा घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भिजवाया। इस मामले में चिकित्सक डॉ. शशि भूषण ने बताया कि प्रसूता को गुरुवार को नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया, प्रसव सामान्य तरीके से हुआ उसके बाद उसे रक्त स्त्राव हो रहा था। इलाज करने के बाद उसे रेफर कर दिया गया। लेकिन परिजन उसे ले जाने के लिए तैयार नहीं थे और बार बार क्लीनिक में इलाज करने का दबाव बना रहे थे। रात में परिजनों को समझाने के बाद बताया गया कि बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर किया जा रहा है। इसके बाद भी परिजन जिद पर अड़े रहे। बाद में सारी जिम्मेदारी परिजनों की होने की बात कही गई और ब्लड यूनिट मंगवा कर उसे चढ़ाया गया। इसके बाद सबकुछ सामान्य हो गया। शुक्रवार की सुबह सबकुछ सामान्य था। इसके बाद छुट्टी कर दी गई। लेकिन परिजन उसे घर ले जाने को तैयार नहीं थे और इलाज कराने के बाद नर्सिंग होम का खर्च भी नहीं दिया। इसके बाद परिजनों के तरफ से कुछ लोग उग्र हो गए और मारपीट करने लगे। इसकी सूचना पुलिस को दी गई, सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने संज्ञान लिया और मामले को शांत कराया। मारपीट में मेरे स्टाफ घायल हो गए हैं। जिनका इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है।
पुलिस छावनी में तब्दील रहा सदर अस्पताल
घटना की सूचना पाकर एएसपी कांतेश मिश्रा सदर अस्पताल पहुंचे तथा घायल पीड़िता की भांजी तब्बसुम खातून से घटना की जानकारी ली। इसके अलावा एएसपी ने अन्य घायलों से भी गहन पूछताछ की। इस मौके पर नगर इंस्पेक्टर सुबोध कुमार समेत महादेवा ओपी पुलिस मौजूद थे। वहीं कुछ देर के लिए सदर अस्पताल परिसर पुलिस छावनी में तब्दील रहा। अस्पताल परिसर में घटना की जानकारी लेने वाले पीड़ित परिवार के सदस्यों का जमावड़ा लग गया।
तब्बसुम खातून का पुलिस ने लिया फर्द बयान
नगर थाना के अवर निरीक्षक आरयू शुक्ला ने घायल तब्बसुम खातून का फर्द बयान लिया। उसने अपने फर्द बयान में लिखा है कि चिकित्सक की लापरवाही से पीड़ित मामी की तबीयत बिगड़ गई, साथ ही चिकित्सक व स्टाफ पर मानसिक शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाया। उसने अपने फर्द बयान में कहा है कि महिला डाक्टर द्वारा मरीज की स्थिति गंभीर बताते हुए रात्रि में ही रेफर किया जा रहा था, जिसपर पूछताछ की गई। इसके बाद सुबह में फिर से रेफर किया गया तो पूछताछ के क्रम में अस्पताल कर्मियों ने मेरे मामा को कमरे में बंद कर पिटना शुरू कर दिया।