परवेज अख्तर/सिवान : मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के खालिसपुर गांव निवासी फखरु होजा के पुत्र रिजवान आलम का शव शुक्रवार को नमाजे एशा बाद सऊदी अरब में सुपुर्दे खाक कर दिया गया और इसी के साथ बेटे के अंतिम झलक को पाने की उम्मीद टूट गई। बता दें कि रिजवान की हत्या सऊदी में चंद रुपयों के लिए यमनियों ने कर दी थी उसके शव को रेगिस्तान में दफन कर दिया था। इसके बाद रिजवान आलम का शव सऊदी अरब के बदिया नियर लैला अलफाद स्थित रेगिस्तान से बरामद किया गया था। मालूम हो कि सऊदी अरब में रिजवान आलम तेल टैंकर चलाता था और वहां अपने चाचा कमरुल जोहा के साथ रहता था। इसी बीच रिजवान पिछले महीने सात मई को तेल वाली टैंकर लेकर
बदिया नियर लैला अलफाद को निकला लेकिन वह वापस नहीं लौटा, इसके बाद रिजवान के चाचा कमरुल जोहा ने शक के आधार पर फॉर्म हाउस (माजरा) के गार्ड यमन देश का रहने वाला ओसामा पर षड्यंत्र रचकर रिजवान को गायब करा देने से संबंधित एक मामला स्थानीय थाना में दर्ज कराया। जिस पर सऊदी अरब की पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए फॉर्म हाउस के दो अन्य कर्मियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो मामले का उद्भेदन हुआ। दोनों यमनियों ने रिजवान की हत्या कर शव को रेगिस्तान में दफन करने की बात बताई तो पुलिस ने दोनों की निशानदेही पर रेगिस्तान में दफन की हुई शव को 27 मई को बरामद कर लिया। पोस्टमार्टम के बाद शव को सऊदी के शव गृह में रखा गया था, क्योंकि परिजनों ने पूरी मोकम्मल कागजात तैयार नहीं की थी। रिजवान आलम का शव शुक्रवार को नमाजे एशा बाद जनाजे की नमाज अदा करने के बाद सुपुर्दे खाक कर दिया गया।
नसीब ना हो सकी अपने वतन की मिट्टी
जैसे ही रिजवान आलम की जनाजे की नमाज की सूचना सऊदी अरब में रह रहे जिलेवासियों को मिली सैकड़ों की तादाद में लोग जनाजे में शामिल होने के लिए पहुंच गए। इधर बेटे के जनाजे की सूचना मिलते ही एक बार फिर से रिजवान के घर में मातमी सन्नाटा पसर गया। सूनी आंखों से मां सुबहतारा खातून और पिता फखरु जोहा की उम्मीदें आंखों से पानी के रूप में बहने लगीं। बहन कौशर जिनत जो छत्तीसगढ़ से ईद की खुशियां मनाने चली थी उसके लिए भी यह ईद जिंदगी भर के लिए यादों में बस गई। बहन ने बड़े अरमान से भाई से ईदी लेने का मन बनाया था लेकिन सारे सपने धरे के धरे रह गए। रिजवान के भाई मो. अब्दुल्लाह,बहन अफसरी खातून, जुगनू परवीन का भी हाल बेहाल है। सभी भाई की हत्या के गम में डूबे हुए हैं। इधर गांव वालों में भी इस घटना के बाद से गम है। लोगों का कहना था कि हर कोई चाहता है कि उसकी मौत उसके वतन में हो लेकिन रिजवान को चाह कर भी अपने वतन की मिट्टी नसीब नहीं हो सकी। लोगों का कहना था कि सऊदी सरकार दरिंदों को कड़ी से कड़ी सजा दे।[sg_popup id=”5″ event=”onload”][/sg_popup]