- सबकुछ लेने के बाद जब जाने को हुए तो गृहस्वामी मनन चौहान ने एक डकैत का कमर पकड़ लिया था
- अपने घर की संपत्ति लूटते देखकर डकैतों से उलझ गए बाप-बेटी
- घायल बाप-बेटी को इलाज के लिए रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया
- 60 हजार नगद और 3 लाख के गहने हथियार के बल पर लूटे गए
- 08 की संख्या में थे हथियारबंद डकैत, बेटी का रड से सिर फोड़ा
परवेज अख्तर/सिवान: जिले के रघुनाथपुर थाना क्षेत्र के चंदौली गांव में शुक्रवार की आधी रात एक राजमिस्त्री के घर हथियारबंद डकैतों ने खूब तांडव मचाया। डकैतों ने 60 हजार रुपये नगद व करीब 3 लाख के गहने और कीमती समान ले उड़े। घटना का विरोध करने पर बाप को मारी गोली तो बेटी का रड से सिर फोड़ा। इस घटना के बाद एक बार फिर रघुनाथपुर के लोग डर से सहम गए हैं। घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि 8 की संख्या में डकैत रात गहराने पर गृहस्वामी के घर के आंगन में करकट के छप्पर के सहारे उतर गए। फिर दरवाजे की कुंडी खटखटाकर कमरों का दरवाजा खुलवाया और सभी को हथियार के बल पर बंधक बना लिया। इसके बाद बारी-बारी से कमरों से गहने-रुपये व घर की कीमती सामान बटोरने लगे। डकैतों का तांडव करीब एक घंटे तक जारी रही। सबकुछ लेने के बाद जब जाने को हुए तो गृहस्वामी मनन चौहान ने एक डकैत का कमर पकड़ लिया और उससे गहने-रुपये नहीं ले जाने की बात कही। इसी बीच उनके गिरोह के दूसरे डकैत ने गृहस्वामी के पैर में गोली मार दी। बावजूद गृहस्वामी ने उस डकैत का कमर नहीं छोड़ा। पिता को उन डकैतों से उलझते देख उनकी बेटी 17 वर्षीय रिंकी कुमारी भी भिड़ गयी। तभी एक दूसरे डकैत ने रड से उसके सिर पर वार कर दिया। जिसके कारण रिंकी कुमारी भी गंभीर रूप से घायल हो गयी। इधर, गोली लगने से मनन चौहान को दर्द तो हो ही रहा था, पैर से भी धारा-प्रवाह खून बहते जा रहा था। इसे लेकर मनन चौहान ने पकड़े हुए डकैत का कमर छोड़ दिया और खून रोकने के उपाय में जुट गए। डकैतों के जाने के बाद परिजनों ने दोनों बाप-बेटी को घायल अवस्था में इलाज के लिए रेफरल अस्पताल लाया। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद सदर अस्पताल भेज दिया गया।
घटना के रोज ही उतार कर लाए थे रुपये
घटना के रोज ही शुक्रवार को बीमा की राशि पतार बाजार स्थित एसबीआई के उतार कर मनन चौहान लाए थे। उसी दिन उनका दिव्यांग बेटा मंटू चौहान भी 10 हजार रूपये की निकासी करके अपने घर लाया था। पीड़ित परिवार अपने घर बेटी की शादी को लेकर तैयारी में जूटे थे। कहा जा रहा है कि खरमास बाद ही लग्न की तारीख तय करनी थी। बाप-बेटे का रुपये निकाल करके लाने की जानकारी शायद डकैतों को हो गयी थी। डकैत अपने लिए इससे बढ़िया मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहते थे। इधर, हथियारबंद डकैतों से डटकर मुकाबला करने में घायल हुए बाप-बेटी की खूब प्रशंसा की जा रही है। लोगों का कहना है कि भले ही वे अपने समान लूटने से बचा नहीं सके। लेकिन, बिना डरे बहादुरी के साथ डकैतों से दोनों ने लोहा लेकर यह साबित कर दिया है कि हौसले बुलंद हो तो सबकुछ संभव है।
खोजी कुत्ते की पुलिस ले रही है मदद
डकैती की घटना की सूचना मिलने के बाद आंदर के इंस्पेक्टर रणधीर कुमार ने रघुनाथपुर, आंदर व एमएच नगर थाने की पुलिस के साथ मौके पर पहुंच घटना की छानबीन शुरू कर दी। घर के अंदर में पुलिस ने डकैती की घटना में शामिल अपराधियों के छूटे हुए चप्पल और चादर की बरामदी की है। इसके बाद खोजी कुत्ते की मदद से डकैतों का सुराग लगाने का प्रयास की जा रही है। हालांकि खबर लिखे जाने तक पुलिस को इस मामले में सफलता नहीं मिल सकी है।