परवेज अख्तर/सिवान : शहर के शिवब्रत साह मंदिर में शुक्रवार को आरएसएस ने विजयादशमी तथा संघ के स्थापना दिवस को उत्सव के रूप मनाया। इसमें शस्त्र पूजा की गई। इस अवसर पर आरएसएस के प्रांत संपर्क प्रमुख रवींद्र पाठक मुख्य अतिथि थे। सुबह के समय कार्यक्रम का शुभारंभ शस्त्र पूजन के साथ हुआ, जिसमें विभाग प्रचारक राजाराम, बजरंग दल के क्षेत्र संयोजक जन्मेजय कुमार, उपसभापति बब्लू साह समेत कई सदस्यों ने शस्त्रों पर पुष्प चढ़ाकर पूजन किया। मुख्य वक्ता देवब्रत ने कहा कि विजयादशमी का मतलब बुराई पर अच्छाई की विजय है। उन्होंने बताया कि हिंदुओं को एकजुट करने के लिए 1925 में विजयादशमी के दिन आरएसएस की स्थापना की गई थी। धीरे-धीरे लोग संघ के साथ जुड़ते गए। वर्तमान में देश में संघ की चार हजार से ज्यादा शाखाएं चल रही हैं। विदेशों में भी संघ का कार्य फैल रहा है। उन्होंने कहा कि भारत देश ही नहीं अपितु दुनिया में एकमात्र ऐसा देश है, जहां पर स्वतंत्रता के उपरांत भी सीमाओं पर आए दिन फायरिंग होती है। पाठक ने कहा कि उनके स्वयं सेवक निरंतर राष्ट्र की सेवा में लगे हैं। शस्त्रों की पूजा से शौर्य बढ़ता है। बैद्धिक सत्र के संबोधन के बाद ध्वज प्रणाम किया गया। इस अवसर पर दया सोनी, गणेश कसेरा, सन्नी कुमार, सुनिल कुमार, भरत प्रभात शाखा के मुख्य शिक्षक विक्की कुमार, बब्लू सरैया समेत सैकडों स्वयंसेवक उपस्थित थे।
आरएसएस के स्वयंसेवकों ने शस्त्र पूजा कर मनाया विजयादशमी
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