परवेज अख्तर/सिवान : सदर अस्पताल की स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। इसकी जानकारी मंगलवार को तब देखने को मिली, जब महाराजगंज के बढ़इयां टोला निवासी तारकेश्वर राम को इलाज के लिए उसके परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराया। यहां डाक्टरों ने दवा की पर्ची देकर उसके परिजनों को दवा लाने के लिए भेजा। जब परिजन दवा काउंटर से दवा लेने गए, तो दवा पाने के बाद पाया कि दवा के रखरखाव के अभाव में स्थिति बद से बदतर हो गई थी। इस पर उसके परिजनों ने पीड़ित को दवा देने से साफ तौर पर मना कर दिया। इसके बाद उन्होंने इसकी सूचना चिकित्सकों को दी। फिर जांच के बाद पाया गया कि दवा की एक्सपायरी डेट ठीक थी। लेकिन रखरखाव के कारण दवाइयों की एेसी बदतर हालत हो गई है। इससे अस्पताल के दवा भंडार में रखरखाव पर प्रश्नचिन्ह लगता दिखाई दे रहा है।
क्या कहते है जिम्मेदार
पटना और मुजफ्फरपुर से दवाइयां आती हैं। उनको वो कैसे स्टोर करते हैं इस बात की जानकारी नहीं है। फिर भी मामला संज्ञान में आया है तो इसकी जांच कराई जाएगी।
डॉ. शिवचंद्र झा, सिविल सर्जन सिवान