समस्तीपुर: लगातार बारिश से उत्तर बिहार से गुजरने वाली नदियों में बूढ़ी गंडक और गंडक को छोड़कर अन्य उफान पर हैं। गंगा स्थिर है लेकिन सास्तीपुर के मोहनपुर प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ से राहत नहीं मिल रही है। सोमवार की शाम गंगा का पानी पटोरी प्रखंड के धमौन में बछवारा – हाजीपुर एनएच पर चढ़ गया। फिलहाल आवागमन पर असर नहीं पड़ा है, लेकिन पानी बढ़ने पर आवागमन बंद हो सकता है। मधुबनी में कोसी, कमला व भुतही बलान नदी के उफनाने से कई गांव बाढ़ से घिर गए हैं। कोसी बराज से सोमवार सुबह 6 बजे इस वर्ष का सबसे ज्यादा 2 लाख, 56 हजार, 20 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ। सीतामढ़ी के सुरसंड नगर पंचायत के वार्ड पांच में रातो नदी का पानी घुस गया है। वहीं एनएच 104 के कुम्मा डायवर्सन पर दो से तीन फीट बाढ़ का पानी बह रहा है। लखनदेई में उफान से सीतामढ़ी शहर के निचले इलाके में पानी घुस गया है। शहर के कैलाशपुरी में बना चचरी पुल तेज बहाव में बह गया है।
मधुबनी: कोसी, कमला के बढ़ने से लोग सहमे
मधेपुर प्रखंड के कोसी तटबंध के अंदर दियारा क्षेत्र में तेजी से पानी बढ़ रहा है। सुपौल जिले की सीमा से सटे गढ़गांव पंचायत बाढ़ से घिर गया है। पैक्स चेयरमैन मो. खुर्शीद आलम ने बताया कि गढ़गांव, असुरगढ़ सहित आधा दर्जन से ज्यादा गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है। इधर, कमला बलान के बौराने से कमला के पूर्वी व पश्चमी तटबंध के बीच स्थित मधेपुर प्रखंड के गांवों में तबाही शुरू हो गई है। वहीं भुतही बलान का पानी बिसनपुर, कबछुआ गांव केे बधारों में तेजी से पानी घुसने लगा है। इधर, झंझारपुर में कमला बलान का जलस्तर खतरे के निशान से 2.60 मीटर उपर पहुंच गया। नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि जारी है। पानी बढ़ने से तटबंध पर दवाब बढ़ गया है। वहीं झंझारपुर आरएस के अदलपुर गांव के सामने पूर्वी तटबंध में कटाव होने से खतरा बना हुआ है। नदी का रौद्र रूप देख तटबंध के भीतर बसे झंझारपुर व अंधराठाढ़ी प्रखंड के आधा दर्जन गांवों के लोग ऊंचे स्थान पर जाने की तैयारी में हैं।
समस्तीपुर: मोहनपुर प्रखंड में सैंकड़ों घरों में घुसा पानी
रविवार की शाम से गंगा नदी का जलस्तर स्थिर है, बावजूद इसके बाढ़ की विभीषिका बरकार है। मोहनपुर धरणीपट्टी पश्चिमी पंचायत के गंगा द्वीप पर बसे हरदासपुर, सरसावा, जहींगरा आदि गांव, संपूर्ण डुमरी दक्षिणी पंचायत, संपूर्ण राजपुर-जौनापुर पंचायत व बिशनपुर बेरी पंचायत के मटिऔर गांव, जलालपुर का एक वार्ड व बघड़ा के बांध से दक्षिण वाले बसावट के लोगों का जीवन नारकीय हो गया है। ऐसी कोई भी सड़क नहीं बची है, जो पानी के ऊपर हो। नब्बे प्रतिशत से अधिक घरों में पानी घुसा हुआ है। न खाना बनाने की जगह बची है, न मालमवेशी को बांधने की। हाजीपुर- बछवारा एनएच पर धमौन में गंगा का पानी चढ़ गया है।
सीतामढ़ी : सुरसंड के शहरी क्षेत्र में घुसा रातो नदी का पानी
जिले की सभी नदियां लाल निशान से ऊपर पहुंच गई है। लखनदेई नदी का पानी शहर सहित गांवों के निचले इलाके में प्रवेश कर गया है। डुमरा के कैलाशपुरी स्थित लखनदेई नदी में बना चचरी पल बह गया है। इधर, सुरसंड में रातो एवं अधवारा समूह के नदी में आई बाढ़ का पानी श्रीखंडी भिठ्ठा गांव के वार्ड संख्या पांच में घुसा गया है। एनएच 104 के कुम्मा डायवर्सन में तीन-चार फीट पानी का बहाव होने से आवागमन ठप हो गया है। बागमती का जलस्तर घट रहा है। वही अधवारा व झीम नदी का जलस्तर बढ़ रहा है।
मोतिहारी: बारिश से बढ़ने लगा नदियों का जलस्तर, बाढ़ का खतरा
विगत कई दिनों से बारिश होने से नदियों के जलस्तर में फिर वृद्धि होने लगी है। डुमरिया घाट में गंडक नदी रेड निशान से 56 सीएम ऊपर बह रही है। बूढ़ी गंडक नदी लाल बकेया गुवाबारी में 43 सीएम ऊपर बह रही है। गंडक चटिया में जलस्तर में वृद्धि जारी है। बूढ़ी गंडक नदी के लाल बेगिया सिकरहना व अहिरौलिया में जलस्तर में वृद्धि जारी है।