परवेज अख्तर/सिवान : ग्राम कचहरी सरपंचों को दिए गए अधिकार से सरकार व प्रशासनिक अधिकारी वंचित करना चाह रहे हैं। 2006 से अबतक का बकाया मानदेय, विशेष, यात्रा भत्ता, भवन किराया का भुगतान नहीं किया गया। आवंटन के बाद भी अधिकारी जान बुझकर भुगतान नहीं कर रहे हैं।यह लोकतंत्र के लिए खतरा के समान है। यह बातें शहर के ललित बस स्टैंड परिसर में जिलाध्यक्ष प्रेमशंकर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित सरपंच संघ के जिलास्तरीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि आमोद कुमार निराला ने कही। इससे पहले मुख्य अतिथि में प्रदेश अध्यक्ष समेत प्रदेश संयोजक पुष्पेंद्र ठाकुर, सारण के जिलाध्यक्ष संध्या चौहान, गोपलगंज के अध्यक्ष हरेराम पर्वत को माला पहना स्वागत किया गया। सम्मेलन में बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 के तहत ग्राम कचहरी संचालन 2007 की धारा 90 से 122 में दिए गए अधिकारों पर विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही 18 फरवरी को मांगों के समर्थन में विधान सभा का घेराव कार्यक्रम में अधिक से अधिक पंच व सरपंचों को तीनों जिले से पहुंचने का आह्वान किया गया। जिलाध्यक्ष ने सरकार के समक्ष सरपंचों को मजिस्ट्रेट का पावर दिए जाने, कचहरी में संसाधनों की व्यवस्था कराने, विधायकों की तरह जनसंख्या के आधार पर वेतन भत्ता, पेंशन, स्वास्थ्य एवं बीमा की सुविधा, पुलिस व प्रशासन द्वारा ग्राम कचहरी के मामलों में हस्तक्षेप बंद करना आदि मांगों को रखा। मौके पर जिला संयोजक निशांत कुमार ओझा, शहाबुद्दीन, मुन्ना शुक्ला, चुंतू सिंह, अमरनाथ चौधरी, विनोद सिंह, संदीप कानू, रवींद्र सिंह, मनोज कुमार मोदनवाल, विश्वकर्मा शर्मा, दारोगा मिश्रा, कन्हैया प्रसाद, संजय सिंह, मेराज अंसारी, रामाश्रय सिंह, कमलेश कुमार प्रसाद, जितेंद्र सिंह, भरत राम, शंकर सिंह सहित कई सरपंच शामिल थे।
सरपंचों को दिए गए अधिकार से वंचित कर रही सरकार
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