परवेज अख्तर/सिवान : जिले के आंदर थाना के हुजहुजीपुर गांव में शुक्रवार की रात्रि करीब 11 बजे मृत महिला सिपाही सविता पाठक (22) का शव पोस्टमार्टम कराने के बाद पटना से गांव पहुंचा। शव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। परिजनों के चीत्कार से ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। शव के साथ कोई कागजात और फोर्स को ना देख ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारा लगाते हुए हंगामा कर दिया और शव को गाड़ी से उतारने से इन्कार करते हुए वरीय अधिकारी को बुलाने की मांग को लेकर रात 11 से लेकर शनिवार की दोपहर 12 बजे तक हंगामा करते रहे। शनिवार की सुबह अचानक ग्रामीणों की संख्या में बढ़ोतरी को देख संबंधित अधिकारी ने एसपी नवीन चंद्र झा को तत्काल इसकी सूचना दी। सूचना के बाद आंदर इंस्पेक्टर मनोज कुमार, बीडीओ नीलम समीर, हुसैनगंज सीओ, थानाध्यक्ष परशुराम सिंह, आंदर थाना थाने की पुलिस पहुंचकर मामले की जांच की। किसी तरह ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शव को सम्मान के साथ रकौली घाट पर दाहसंस्कार किया गया।
12 घंटे के बाद सविता के शव का हुआ दाहसंस्कार
मृत महिला सिपाही सविता पाठक का शव शुक्रवार की रात 11 बजे आया। वरीय अधिकारी के इंतजार में महिला सिपाही सविता पाठक का शव करीब 12 घंटा दरवाजे पर ही पड़ा रहा। उसके बाद वरीय अधिकारी एवं प्रखंड अधिकारियों के नहीं आने के कारण उग्र ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और शव को गाड़ी से नहीं उतारने की बात कही। जब इसकी सूचना वरीय अधिकारी को मिली तो प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं सीओ को भेज कर किसी तरह समझा-बुझाकर मामले को शांत करवाया। पदाधिकारियों ने आश्वासन दिया कि सरकार द्वारा जो आर्थिक मदद मिलता है उसे दिया जाएगा एवं आगे की जो कार्रवाई होगी वह भी जल्द हो जाएगी। इसके बाद ग्रामीण शांत हुए। आश्वासन के बाद शव को दाह संस्कार के लिए भेज दिया।
भाई बहनों में सबसे छोटी थी सविता
थाना क्षेत्र के हुजहुजीपुर त्रिलोकी नाथ पाठक की मृत पुत्री सविता पाठक की नौकरी वर्ष 2018 के अगस्त माह में सिपाही पद पर हुई थी, जो अभी पटना पुलिस लाइन में ट्रेनिंग ले रही थी। इसी दौरान सविता पाठक को डेंगू हो गया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वह तीन बहन एवं दो भाईयों में सबसे छोटी थी जो इंटर की पढ़ाई करने के बाद पुलिस की नौकरी कर रही थी।