परवेज़ अख्तर/सिवान :- वर्षापात का सही आकलन करने को जिले के सभी 19 प्रखंडों की 293 पंचायतों में ऑटोमेटिक रेन गेज मशीन लगाने की योजना खटाई में पड़ गई है।जानकारी के अनुसार जिला सांख्यिकी विभाग द्वारा ऑटोमेटिक रेन गेज मशीन स्थापित करने के लिए स्थल का चयन कर नवंबर-दिसंबर 2019 में राज्य मुख्यालय को रिपोर्ट भी भेजी जा चुकी है। बावजूद इसके अबतक भेजे गए प्रस्ताव की स्वीकृति नहीं मिल पाई है। जिला सांख्यिकी पदाधिकारी रवि रंजन राकेश ने बताया कि स्वचालित वर्षामापी यंत्र वर्षामापी यंत्र लगने से जहां बारिश के अनुमान के साथ ही हवा की आद्रता, तापमान की सटीक जानकारी मिल जाएगी।
वहीं तापमान, आद्रता, वर्षा का दबाव, बर्फबारी, सूर्योदय और सूर्यास्त समय के अलावा हवा की गति और दिशा के बारे में जानकारी मिल सकेगी। इन यंत्रों में सेंसर लगे होते हैं। जिससे सारा डाटा जिले में स्थापित आपदा प्रबंधन इकाई और मौसम विज्ञान केंद्र को सीधे ट्रांसफर हो जाएगा। किसानों को मिलेगा फायदा : स्वचालित वर्षामापी यंत्र लगने से बाढ़, सुखाड़ और चक्रवाती तूफान का आकलन करने में सबसे ज्यादा सहायता मिलेगी। इसके बाद कृषकों को समय-समय पर वर्षा कब होगी और नहीं होगी, इसका भी पता चल जाएगा। साथ ही वर्षा नहीं होने की स्थिति में किसान दूसरे संसाधनों से पानी की व्यवस्था कर फसलों की सिचाई कर सकेंगे।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
राज्य मुख्यालय से स्वचालित वर्षामापी यंत्र लगाने के लिए सभी पंचायतों में स्थल का चयन करके रिपोर्ट मांगी गई थी। स्थल का चयन कर नवंबर-दिसंबर 2019 में रिपोर्ट भी भेज दी गई, लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिल पाई है। स्वीकृति मिलने के पश्चात वर्षामापी यंत्र लगाया जाएगा। यंत्र के लग जाने पर विभाग सहित जिले के सभी किसानों को कई प्रकार का लाभ मिलेगा।
रवि रंजन राकेश,
जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, सिवान