पटना: बिहार में 7 फरवरी से स्कूल खुलने की है संभावना। प्रदेश में कम होते कोरोना के मामले और प्राइवेट स्कूलों के आंदोलन की चेतावनी अहम कारण है। बिहार सरकार पर दबाव है। खबर है कि सरकार 5 फरवरी को स्कूल खोलने पर निर्णय लेगी।
राज्य में कोरोना का डाउनफॉल है। 90% संक्रमित होम आइसोलेशन में 7 दिन में ठीक हो रहे हैं। इस बीच बच्चों में वैक्सीनेशन की रफ्तार भी बढ़ी है। संक्रमण दर तेजी से घटकर अब 0.85% हो गई है। रविवार को राज्य में 1.50 लाख लोगों की कोरोना जांच हुई, जिसमें 1,238 लोग पॉजिटिव पाए गए। राज्य में अब एक्टिव मामलों की संख्या 6,557 है। बिहार नए संक्रमण के मामले में भी देश में 22 वें नंबर पर है।
वैक्सीनेशन में भी लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। राज्य में 15 से 18 वर्ष के कुल 40,07,650 बच्चों को कोरोना का टीका लग चुका है। इससे सुरक्षा को लेकर बड़ी राहत है। अब तक राज्य में कुल 11,21,59,042 लोगों का वैक्सीनेशन हुआ है, जिसमें 6,43,66,211 लोगों ने पहली और 4,73,07,745 ने दूसरी डोज ली है। 4,85,086 लोगों को प्रिकॉशन डोज दी गई है।
प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन ने 7 फरवरी से राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है। एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद के आह्वान पर सभी जिलों में आंदोलन की बड़ी तैयारी चल रही है। एसोसिएशन का कहना है कि अगर सरकार 6 फरवरी तक कोई निर्णय नहीं लेती है तो राज्य के 25 हजार से अधिक प्राइवेट स्कूलों के संचालक और वहां काम करने वाले लाखों टीचर-कर्मचारी के साथ गार्जियन भी सड़क पर आंदोलन के लिए आएंगे। अहमद का कहना है, ‘स्कूलों को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। कोरोना का बहाना कर सरकार प्राइवेट स्कूलों पर कर्ज का बोझ लादने में जुटी है। कोरोना की दूसरी लहर में भी स्कूलों को आंदोलन की चेतावनी के बाद ही खोला गया था।’
बिहार बोर्ड कोरोना काल के बाद भी इंटर और मैट्रिक का एग्जाम करा रही है। एक फरवरी से राज्य के 1471 परीक्षा केंद्रों पर 13,45,939 परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। इसमें 6,48,518 छात्राएं और 6,97,421 छात्र शामिल हैं। यह कारण भी एक है, जिससे सरकार पर स्कूल खोलने का दबाव बढ़ रहा है।