परवेज अख्तर/सिवान : अनुमंडल मुख्यालय में व्यवहार न्यायालय को जल्द से जल्द शुरू करने की मांग को ले शुक्रवार को अनुमंडल कोर्ट के सभी अधिवक्ता, अनुमंडल लिपिकों ने न्यायिक कार्य बंद कर अनुमंडल कार्यालय के मुख्य गेट पर धरना दिया। धरना को संबोधित करते हुए संघ के सचिव दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि यह धरना तो अभी शुरुआत है। इसके बाद आगे की लड़ाई हम सभी अधिवक्ता लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि अनुमंडल अधिवक्ताओं के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। जब व्यवहार न्यायालय के लिए उद्घाटन की तिथि निर्धारित कर दी गई तो किस परिस्थिति में कार्य शुरू नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि हम सभी शीघ्र ही इसी अनुमंडल कार्यालय के परिसर में आमरण अनशन करेंगे। अध्यक्ष मुंशी सिंह ने कहा कि आखिर क्यों यहां न्यायालय का कार्य शुरू नहीं किया जा रहा है। जबकि हमलोगों का प्रतिनिधिमंडल सांसद,विधायक, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, जिला जज को ज्ञापन भी सौंप चुके हैं। उन्होंने कहा कि इसमें अनुमंडल के अधिकारी भी रुचि नहीं ले रहे हैं। धरना में यह तय हुआ कि 21 जनवरी को अधिवक्ता बाजार का भ्रमण करेंगे। 22 जनवरी से 25 जनवरी तक अनुमंडल कार्यालय में धरना दिया जाएगा। इस बीच यदि मांगे नहीं मांगी गई तो 28 जनवरी को अनुमंडल कार्यालय में तालाबंदी किया जाएगा। इसके बाद जेल भरो आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।धरने को अधिवक्ता अनिल सिंह, पीपी रंजन द्विवेदी, के के सिंह,करूणाकांत सिंह, रश्मि कुमारी, रवींद्र सिंह, अखिलेंद्र सिंह, गजेंद्र सिंह, चितरंजन सिंह, ओमप्रकाश, राजकिशोर शर्मा,रविकांत उपाध्याय, मिथिलेश कुमार आदि ने संबोधित किया। के अंदर स्थित सभी दुकानों में ताला लग गया।
दूर दराज से आए लोग वापस लौटे
अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य बंद होने की वजह से कार्य को आए दूर दराज से सैकड़ों लोग निराश होकर वापस लौट गया। कार्यवश आए लोगों को मुख्य गेट के अंदर किसी को प्रवेश नहीं करने दिया गया। अधिवक्ताओं की एकजुटता के कारण दिनभर न्यायिक कार्य बंद रहा।नकारी नहीं है।