- गेंगटोक से लौटने के दौरान अयूब के पीछे वाली गाड़ी में मौजूद थे सभी
- तीन गाड़ियों को नहीं पकड़ सकी एसटीएफ
✍️परवेज अख्तर/एडिटर इन चीफ:
सिवान जिले के अलग अलग थाना क्षेत्रों में रहने वाले तीन युवकों को सात नवंबर की शाम अगवा कर उनकी हत्या के मामले में अयूब खान की गिरफ्तारी जब एसटीएफ की टीम ने की तब अयूब के काफिले के साथ कुछ अन्य गाड़ियां भी चल रहीं थी। एसटीएफ को इसकी भनक नहीं लगी और उस पर सवार सभी अन्य बदमाश आसानी से फरार हो गए। ये सभी गाड़ियां अयूब खान के साथ गंगटोक से नए वर्ष का जश्न मनाने के बाद मुजफ्फरपुर की तरफ लौट रहीं थीं। अयूब की गाड़ी के साथ तीन अन्य गाड़ियां थीं और उनमें से एक गाड़ी में अमरेंद्र और डायमंड भी सवार थे।बतादें कि अमरेंद्र शर्मा और डायमंड दोनों तिहरे हत्याकांड में शामिल हैं। इनका नाम पुलिस के समक्ष संदीप ने उगला है।पुलिस सूत्रों की मानें तो एसटीएफ और स्थानीय पुलिस को अयूब खान की गाड़ी की पूरी जानकारी थी।
टीम ने अयूब की गाड़ी को ही रोका और उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद फरार हुए बदमाशों ने ही अयूब की गिरफ्तारी की जानकारी सभी को अलग अलग माध्यम से दी। वहीं अयूब ने पुलिस को एक अन्य बदमाश का नाम बताया है जो दरभंगा का रहने वाला है।अयूब ने बताया है कि वह बदमाश उसके साथ मुजफ्फरपुर में रहकर काम करता है और अभी वह भी फरार है।यहां बताते चलें कि अयूब खान की गिरफ्तारी के बाद तीन युवकों को ठिकाना लगाने के मामले में पुलिस द्वारा सीनियर पुलिस पदाधिकारी के दिशा निर्देश के आलोक अपनी अनुसंधान और तेज कर दी है।उधर दर्ज कांड के अनुसंधानकर्ता का कहना है कि सीनियर पुलिस पदाधिकारी के दिशा निर्देश के आलोक में दर्ज कांड का केस डायरी पारदर्शिता पूर्वक लिखी जा रही है।वहीं अयूब खान के गिरफ्तारी के करीब चार दिन बीत गए लेकिन फिलहाल तरह-तरह के अटकलों का बाजार गर्म है लोग जितनी मुंह उतनी बातें करने से परहेज नहीं कर रहे हैं।कोई इसे षड्यंत्र बता रहा है तो कोई उसकी गिरफ्तारी को लेकर जिला पुलिस प्रशासन को धन्यवाद दे रहा है।