परवेज अख्तर/सिवान :- जिले के दरौली प्रखंड मुख्यालय के केसर शिक्षण संस्थान सह लाली मंदिर परिसर में चल रहे सात दिवसीय रामचरित मानस सम्मेलन के दूसरे दिन शनिवार को कथावाचक दिनेश त्रिपाठी द्वारा राम के जीवन दर्शन को विस्तार से बताते हुए कहा कि राम नाम की महत्ता का उदाहरण अजामिल उद्धार से बड़ा शायद ही कोई हो सकता है,जिसने अपने जीवन में कभी भी स्वेच्छा व श्रद्धा से नारायण का नाम नहीं लिया, अपितु पुत्र मोह के चलते हर समय अपने बेटे नारायण को ही पुकारता रहा। फलस्वरूप अंत समय में उसके उद्धार के लिए जगपालक नारायण को उसके समक्ष उपस्थित होना पड़ा। वहीं झांसी से आए रामेश्वरानंद ने भगवान के नाम की महत्ता के बारे में बताते हुए कहा कि चर-अचर जीवन में नाम का अपना महत्व है। उदाहरण स्वरूप उन्होंने श्रोताओं को बताया कि किस प्रकार भगवान शिव ने अपने हृदय में राम नाम को रखकर समुद्र मंथन में निकला विनाशक विष का हर कर लिया।
दरौली में सात दिवसीय रामचरित मानस सम्मेलन
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