शब-ए-बारात जहन्नम से निजात व रिहाई की रात है: मौलाना हामिद रजा शमसी

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  • शब-ए-बरात की रात अर्श से फर्श तक लगातार रहमतों की होती है बारिश
  • शब-ए-बरात कल, लोग पूरी रात इबादत कर गुनाहों की मांगेंगे माफी

परवेज अख्तर/सिवान:
रहमतों का महीना रमजान से पहले मगफिरत का महीना शाबान में होने वाला त्योहार शब-ए-बारात रविवार को मनाया जाएगा.शब-ए-बारात का महीना रमजान के बाद सबसे अफजल महीना माना गया है।इसके लिए जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण इलाकों के मुस्लिम बहुमूल्य क्षेत्रों में तैयारी पूरी कर ली गई है.घर,मस्जिद व कब्रिस्तानों में साफ-सफाई का काम पूरा कर लिया गया है.रविवार को इस्लामी कैलेंडर के मुताबिक आठवें महीने में पड़ने वाला त्योहार शब-ए-बारात की बड़ी फजीलत है.शब-ए-बारात जहन्नम से निजात व रिहाई की रात कहा गया है.रविवार को पूरे दिन बीतने के बाद शाम से अगले दिन सुबह फजर की अजान से पूर्व तक लोग अपने घरों में नियाज फातिहा करेंगे व कब्रिस्तान में जाकर अपने सगे संबंधियों के कब्र में जाकर दुआ करेंगे.इसके लिए कब्रिस्तान में विशेष साफ सफाई कर लाइट की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा मस्जिदों को भी सजाया गया है.

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बतादें कि रमजान से पहले शबे बरात होती है शब-ए-बरात की रात में गुनाहों से तौबा की जाती है.शब-ए-बरात पर मुस्लिम समाज के लोग पूरी रात इबादत कर अपने गुनाहों की माफी खुदा से मांगते हैं. बताया जाता है कि इस रात खुदा अपने बंदों की दुआओं को कुबूल अता फरमाता है.तरवारा बाजार स्थित मदरसा बरकातीया अनवारूल उलूम के हेडमास्टर मौलाना हामिद रजा शमसी ने बताया कि शब-ए-बारात की रात में इबादत करना एवं दिन में रोजा रखना बहुत ही ज्यादा सवाब का काम है.इस रात में सूरज डूबने के वक्त से लेकर सुबह फजर तक अल्लाह दुनिया में अपनी लगातार रहमतों की बारिश करता है।

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इस रात को अल्लाह तबारक व ताला ने अपने बंदों के लिए अर्श से फर्श तक लगातार रहमतों की बारिश करता है।उन्होंने बताया कि इस दिन जो रोजा रखता है उस पर रहमतों की बारिश होती है.जानकारी के अनुसार त्योहार को लेकर पिछले सप्ताह से ही सभी लोग अपने अपने घरों में कुरान खानी,मिलाद शरीफ,फातिहा आदि करने में लगे हुए हैं.रविवार की रात को पूरी रात जागकर सभी लोग इबादत करेंगे और अपनी गुनाहों के लिए माफी मांगेंगे। महिलाएं घरों में और पुरुष मस्जिद में जाकर इबादत करेंगे। नमाज अदा करेंगे तथा दुआ मांगेंगे.जिले भर में आज धूमधाम के साथ शब-ए-बारात का त्योहार मनाया जाएगा.

मस्जिद के इमाम व कई उलेमाओं ने आतिशबाजी और हुल्लड़बाजी से दूर रहने की दी सलाह

मस्जिद के खतीबो इमाम और कई उलेमाओं ने मुस्लिम नौजवान और बच्चों को पटाखेबाजी और सड़कों पर देर रात तक हुल्लड़बाजी से दूर रहने की सलाह दी है.हाफिज व कारी अब्दुल हसीब अशरफी ने कहा कि शब-ए-बरात में लोग नमाज-ए-नवाफिल के साथ तिलावत-ए-कुरान में मशगुल रहें.अपनी इबादत से अल्लाह को राजी करें.अल्लाह से पूरी रात अपनी और अपने पूर्वजों के गुनाहों की माफी की फरियाद करें.पटाखेबाजी व सड़कों पर हुल्लड़बाजी शरियत के खिलाफ है.

शब-ए-बारात है क्या

गुजरे सालों के हिसाब-किताब के साथ आने वाले सालों का लेखा-जोखा इसी रात को अल्लाह तैयार करता है.जिसने इस रात में अल्लाह को अपनी इबादत के जरिए राजी कर लिया,उसे गुनाहों से छुटकारा मिल जाता है.इस रात का इंतजार हर मोमिन को रहता है.