परवेज़ अख्तर/सीवान:- राजद के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की तरफ से शुक्रवार को कोर्ट में आवेदन देकर बताया गया कि उन्हें सोलिटरी कंफाइनमेंट की सुविधा नहीं मिल रही है। मैनुअल के अनुसार किसी कैदी को सेल में तीन महीने तक ही रखा जा सकता है। जबकि पूर्व सांसद को सेल में रहते एक वर्ष से ज्यादा हो गया। जेल मैनुअल के प्रावधान के अनुसार सुविधा नहीं मिलने की बात कहते हुए पूर्व सांसद के वकील ने कोर्ट से पर्याप्त सुविधा दिए जाने का अनुरोध किया। आवेदन पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आवेदन की प्रति तिहाड़ जेल के आईजी को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजने का निर्देश दिया। शुक्रवार को पूर्व सांसद से जुड़े चार मामलों की सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित थी। इनमें मृत्युंजय सिंह हत्याकांड, कमरुल हक अपहरण एवं राजीव रौशन हत्याकांड के अलावा एक क्रीमिनल अपील का मामला था। राजीव रौशन हत्या मामले में गवाह अनुसंधानकर्ता दारोगा संजीव कुमार रंजन की गवाही के लिए हाजिरी दी गई थी। परंतु उनकी गवाही नहीं हो सकी। चूंकि सीजर लिस्ट की मूल प्रति उपलब्ध नहीं थी। अनुसंधानकर्ता से सीजर लिस्ट का प्रदर्श किया जाना है। मृत्युंजय सिंह हत्याकांड एवं कमरुल हक अपहरण का मामला आरोप गठन के लिए चल रहा है। दोनों मामलों में आंशिक सुनवाई हुई। आरोपित पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में उपस्थित हुए। अभियोजन की तरफ से स्पेशल पीपी जयप्रकाश सिंह, रघुवर सिंह, रामराज प्रसाद तथा बचाव पक्ष की तरफ से अधिवक्ता अभय कुमार राजन व मो. मोबिन मौजूद थे।[sg_popup id=”5″ event=”onload”][/sg_popup]
शहाबुद्दीन को जेल मैनुअल के अनुसार मिले सुविधा
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