तरवारा साई टोला में चमकी बुखार गंदा पानी के जलजमाव से दे सकता है दस्तक !
पूरे बाजार का गंदा पानी एक जगह हो रहा है जमा
स्थानीय जदयू विधायक द्वारा खोदवाई गई थी खाड़ी में आधा-अधूरा गड्ढा
नाक पर रुमाल व गमछा रखकर सो रहे है आस-पास के लोग
परवेज़ अख्तर/सीवान:- जिले के पचरुखी प्रखंड के ग्राम राज पंचायत तरवारा के पुरानी बाजार स्तिथ साई टोला के लोग पूरे बाजार के बहते नाली के गंदे पानी के बीचो-बीच में अपना जीवन गुजर बसर करने को विवस है। पूरे बाजार का गंदा पानी यहाँ जमा हो गया है। जिसके दुर्गन्ध से यहाँ के लोग अपने-अपने घरों में नाक पर रुमाल व गमछा रखकर सोने को मजबूर है। तो दूसरी तरफ नाली का गंदा पानी एक जगह जमा होकर दुर्गन्ध देने से महामारी, चमकी बुखार जैसे बीमारी भी दस्तक दे सकता है! यहाँ बताते चले की तरवारा बाजार के महाराजगंज रोड़ स्तिथ मस्जिद के ठीक सामने वर्षों पुराना एक खाड़ी है। जिस खाड़ी में पूरा बाजार का पानी नाली के सहारे बहकर साई टोला होते हुए गंडक नहर में जाकर गिरता है। लेकिन खाड़ी में खर-पतवार अधिक होने व जलकुम्भी की मात्रा अधिक होने के कारण खाड़ी का बहाव तेजी से नही हो पा रहा है।जिसके चलते खाड़ी की स्तिथि सुचारू रूप से सही नही है। उधर खाड़ी की बिगड़ती हालत को देख मोहल्लावासियों ने इस की शिकायत स्थानीय जदयू विधायक श्यामबहादुर सिंह से चार वर्ष पूर्व में किया था। लोगों की शिकायत सुनकर विधायक ने खाड़ी को जेसीबी के सहारे खाड़ी के नाका पर खोदवा दिया।और लोगों को चार वर्ष पूर्व में आश्वासन भी दिए थे की जल्द से जल्द खाड़ी की मरम्मत विधायक फंड या निजी पैसों से करा दी जायेगी। हालांकि विधायक द्वारा जब जेसीबी से खाड़ी की खोदाई कराई जा रही थी।तो उस समय लोगों ने काम को रोका भी था।लोगों का कहना था की विधायक जी अगर खाड़ी की सफाई पूरी तरह से मोकम्मल करानी है तो खोदाई कराईये नही तो खाड़ी और बेकार होकर जलजमाव में तब्दील हो जायेगा।लेकिन विधायक जी ने कहा था की यह मेरा अपना गांव है। ऐसी ज्वलन्त समस्या कभी होने नहीं दूंगा। लेकिन उनके आश्वासन पर लोगों द्वारा कुछ नही बोला गया।तो विधायक ने खाड़ी के नाका पर गड्ढे को खोदवा दिया। आधा-अधूरा काम कर मजदूर वहाँ से चले गए। जो चार वर्ष होने जा रहा है लेकिन खाड़ी में लगे मजदूर कहाँ गए और वह कब आयेगे ये किसी को पता नही है।उक्त साई टोला के लोग आज भी खाड़ी में लगे मजदूर के आने के इंतिजार में टकटकी लगाये बैठे है।लेकिन चार वर्ष में उन मजदूरों का कोई अता-पता नही लगा।बतादें की शुक्रवार की शाम हल्की बारिश से खुदाई की गई। खाड़ी के नाका पर के गड्ढा में बरसात का पानी जमा हो गया है।गंदा पानी के जमाव से वहाँ के लोगों का जीना हराम हो गया है।हाल के आई चमकी बुखार के मसले पर चिकित्सकों का कहना है की अपने आस-पास में गंदे जलजमाव से बच्चों को दूर रखें।नही तो उसमे चमकी बुखार की सम्भावना बनी रहती है।लेकिन उक्त टोले के बच्चे गंदा पानी के जमाव से बचे तो कैसे बचे? और जायें तो जायें कहाँ? बतादें की अभी हाल में मानसून ने अपनी दस्तक दी है तो ये हश्र है। अभी पूरी बरसात बाकी है।तो आगे क्या होगा? यह आने वाला ही समय बतायेगा।अगर खाड़ी का सफाई व खुदाई समय पर नही हुआ तो लोगों के घरों में भी बरसात का गंदा पानी प्रवेस करने से कोई नही रोक सकता है।यहाँ के लोगों का कहना है की इस ज्वलन्त समस्या के निदान के लिए हम सभी कई बार स्थानीय विधायक व स्थानीय कई जनप्रतिनिधि के पास जाते है तो सिर्फ आश्वासन ही हाथ लगते है।लेकिन समस्या ज्यों का त्यों बनी रहती है।लोगों का कहना है की यह पंचायत जनप्रतिनिधियों से अछूता नही है।यहाँ की जनता ने कई बार बड़े-बड़े ओहदे पर कई बार विकास के नाम पर वोट देकर उन्हें विधान सभा से लेकर प्रखंड व जिला में भी भेजा है।लेकिन यहाँ की जनता को आश्वासन के सिवा और कुछ नही मिला।बतादें की साई टोला में दबे कुचले लोग निवास करते है।वे जनप्रतिनिधियों पर इसलिए ज्यादा दबाव व अधिकारीयों के पास इसकी शिकायत नही कर पाते है।कि कहीं इसका अंजाम उन्हें भुगतना पड़े।बहरहाल चाहे जो हो अगर इस ज्वलंत समस्या पर जनप्रतिनिधि व जिला प्रशासन अविलंब निदान नही निकाला तो उक्त टोला में चमकी बुखार जैसी बिमारी व महामारी फैलने से कोई नही रोक सकता है।इस सम्बंध में हमारे सम्बादाता ने जदयू विधायक श्यामबहादुर सिंह ने दूरभाष पर सम्पर्क करना चाहा तो उनसे सम्पर्क नही हो सका।वहीं स्थानीय मुखिया कुंती देवी से सम्पर्क कर समस्या के निदान पर चर्चा की गई तो उन्होंने कोई संतोस जनक जवाब नही दिया।