तीन साल में एडीजे वन की अदालत ने सुनाया फैसला
परवेज अख्तर/सिवान: प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिलेश कुमार झा की अदालत ने रामजनक राम हत्या कांड के मामले में सिंधू देवी को दोषी पाते हुए गुरुवार को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. साथ ही साढ़े तीन हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है. अर्थदंड नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. बताते चलें कि नौतन थाना के अंगौता गांव निवासी रामजनक राम की पत्नी रीना देवी के आवेदन पर नौतन थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. इस मामले में मनोज यादव की पत्नी सह सजायाफ्ता सिंधू देवी पर आरोप था कि रामजनक राम की हत्या कर अपने पलंग के नीचे तीन फीट जमीन खोदकर शव को गाड़ दिया था.
यह घटना 14 मार्च 2019 को घटित हुई थी. इस मामले में कोर्ट ने दूसरे आरोपी राजू गिरि को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया. वहीं कोर्ट में अभियोजन की तरफ से विशेष अभियोज भागवत राम व बचाव पक्ष की ओर से अरविंद त्रिपाठी ने अपना-अपना पक्ष रखा. दोनों का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने भादवि की धारा 302 व हरिजन एक्ट में आजीवन कारावास व तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.साथ ही 201 में तीन वर्ष की सजा व पांच सौ रुपये जुमाना ठोंका है.