- सड़क हादसे के बाद जाम कराने का है आरोपित
- घटना से पहले ही युवक चला गया था मलेशिया
परवेज अख्तर/सिवान: सिसवन चैनपुर का एक युवक मलेशिया में लगभग साढ़े तीन साल से है। मगर चैनपुर पुलिस की कार्यशैली व रवैया के कारण अपने गांव वापस नहीं लौट रहा है। पुलिस ने विदेश में रहने वाले असलम को 7 अगस्त 2019 में सड़क हादसा में एक बच्ची की हुई मौत के बाद हुए सड़क जाम करने के मामले में आरोपित किया है। इस मामले में आरोपित की मां शबाना खातून ने डीआईजी को आवेदन देकर अपने पुत्र को बेगुनाह घोषित करने की मांग की है। दिए गए पत्र में उसने कहा है कि उसका पुत्र 15 मार्च 2018 को गांव से नौकरी करने के लिए मलेशिया गया। वहां नौकरी कर रहा है। 7 अगस्त 2019 को विद्यालय जाने के क्रम में स्थानीय निवासी राम कुमार की पुत्री स्नेहा कुमारी को अज्ञात वाहन ने धक्का मार दिया। जिससे उसकी मौत घटनास्थल पर हो गई थी। लोग मुआवजे की मांग को लेकर चैनपुर के आंबेडकर चौक को जाम कर दिए। इस मामले को लेकर पुलिस ने 44 लोगों के खिलाफ नामजद व 85 अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
प्राथमिकी तत्कालीन ओपी प्रभारी राकेश कुमार ने दर्ज करायी। जिसमें पुलिस से मारपीट करने, वर्दी फाड़ने, जबरन दुकान बंद कराने सहित कई आरोप लगाए गए हैं। इधर एफआईआर में नाम आने के एक सप्ताह के अंदर ही तत्कालीन एसपी से अपने बेटे के बेगुनाह होने की मांग की थी। एसपी के निर्देश के बावजूद इसके केस के अनुसंधानकर्ता एसआई गणेश चौहान ने इसपर कोई पहल नहीं की। आवेदक ने 50 हजार घूस मांगने का भी उनके खिलाफ आरोप लगाया है। ओपी प्रभारी राकेश कुमार ने कहा मामला संज्ञान में है। परिजन से बात हुई है कागज मांगा गया है, परिवार को न्याय मिलेगा।
एसडीपीओ कर चुके हैं केस को ट्रू
घटना के बाद एसडीपीओ ने घटना की जांच की और पुलिस द्वारा दिए गए बयान के आधार पर केस को ट्रू कर दिया। शबाना ने बताया कि उसके पति मड़ई राइन को भी इस केस में आरोपित बनाया गया है। वह सब्जी बेचकर परिवार का भरण पोषण करते हैं। उसके पति को भी गलत तरीके से फंसाया गया है। बताया कि बेटा असलम की शादी करनी है लेकिन पुलिस की गिरफ्तारी के डर से घर वापस नहीं लौट रहा है।