परवेज अख्तर/सिवान: सिसवन आद्रा नक्षत्र प्रारंभ हो गया है। अभी तक चांदपुर चकरी नहर में पानी नहीं आने से धान का बिचड़ा डालने के लिए किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए हैं। किसान परेशान हैं कि यदि नहर में पानी नहीं आया तो समय पर धान का बिचड़ा नहीं डाल पाएंगे। कुछ किसान डीजल पंपसेट के सहारे खेतों की सिचाई कर बिचड़ा डालने की तैयारी में जुट गए हैं। इससे उनपर आर्थिक बोझ पड़ रहा है। किसानों ने कहा कि डीजल भी काफी महंगा हो गया है। उसके सहारे खेती कर पाना संभव नहीं है। वर्षा हो जाती तो खेतों में पानी भर आता और धान का बिचड़ा डालने में मदद मिलती। किसान कमलेश सिंह ने कहा कि धान का बिचड़ा डालने के लिए पंपिंग सेट से खेत की सिचाई कर खर-पतवार नाशक दवा का छिड़काव किया गया है। खेत सूख जाने के बाद उसकी जोताई कर दोबारा पानी भर कर धान का बिचड़ा डाला जाएगा।
अबतक नहरों में पानी नहीं आने से खेतों की सिचाई के लिए अधिकतर किसान पंपिंग सेट के सहारे हैं। इस कारण उन्हें खेती करने में आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है। किसान शशिकांत उपाध्याय ने कहा कि जल स्तर नीचे खिसक जाने के कारण पंपसेट से पानी निकालना भी मुश्किल हो गया है। पंपिग सेट कम पानी दे रहा है। किसान उपेंद्र गिरि ने कहा कि यदि शासन-प्रशासन नहरों में पानी उपलब्ध करा देता, तो किसानों को महंगे दामों पर खेत की सिंचाई करने से राहत मिलती। आद्रा नक्षत्र में धान का बिचड़ा डालना बेहद मुफीद माना गया है। किसान मुन्ना उपाध्याय ने कहा कि नहर विभाग की बेरुखी और इंतजाम नाकाफी होने से किसानों को निराश होना पड़ रहा है। जिला परिषद सदस्य ब्रजेश कुमार सिंह ने गंडक विभाग से नहर में पानी छोड़ने की मांग की है।