परवेज अख्तर/सिवान: सिसवन प्रखंड के दक्षिणस्थित सरयू नदी में सफेद बालू का अवैध खनन तेज हो गया है। बालू माफिया वर्षा के दौरान ऊंचे दामों पर बालू बेचकर भारी मुनाफा कमाते हैं। इस कारण मानसून के पहले ही बालू निकाल कर जगह-जगह स्टाक करने में लगे हैं। वहीं वर्षा में निर्माण कार्य भी न रुके, इसके लिए बालू का स्टाक करना शुरू कर दिए हैं। इस कारण बालू की मांग अधिक बढ़ गई है। ऐसे में रोजाना दर्जनों ट्रैक्टर रेत का अवैध खनन किया जा रहा है। इस अवैध कारोबार को प्रशासन नहीं रोक पा रही। प्रखंड के जई छपरा, शुभहाता, कचनार, भागर, सिसवन, ग्यासपुर से होकर गुजरने वाली सरयू नदी घाट से अवैध बालू उत्खनन का मुख्य अड्डा है। यहां से रोज दर्जनों ट्रैक्टर बालू निकाली जा रही। प्रशासन की ओर से क्षेत्र में रेत उत्खनन के लिए कोई लीज जारी नहीं की गई है।
ऐसे में क्षेत्र में बालू का अवैध खनन ही होता है। इसे रोकने के लिए न ही खनिज विभाग के अधिकारी और ना ही स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई की जा रही है। एक साल पहले माफियाओं के खिलाफ खनन विभाग ने अभियान चलाया था, लेकिन यह अभियान एक बार में ही ठंडा पड़ गया। इसके बाद कुछ दिनों बालू का अवैध उत्खनन बंद रहा और अब फिर स्थिति जस की तस हो गई। मानसून से पहले अवैध बालू उत्खनन में काफी तेजी आ गई है। रेत माफिया अधिक मुनाफा कमाने के लिए अभी से बालू का स्टाक करने में जुट गए हैं। वर्षा के दौरान नदी से बालू नहीं निकल पाता। इस कारण वे बालू को मनमाफिक दामों में बेचकर काफी मुनाफा कमाते हैं। इस संंबंध में सीओ सतीश कुमार ने बताया कि नदी में बालू खनन का कोई ठेका नहीं दिया गया है। अगर बालू का अवैध खनन हो रहा है तो संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।