परवेज अख्तर/सिवान: जिले के सिसवन प्रखंड में इन दिनों सरयू नदी के किनारे रेत का अवैध कारोबार जोरों पर है। बालू माफिया रात के अंधेरे में सफेद बालू की खोदाई कर कहीं स्टाक कर रहे हैं या बेच रहे हैं। इससे सरकार को लाखों की राजस्व हानि हो रही है। इस पर नियंत्रण के प्रति वहीं विभाग लापरवाह है। स्थानीय लोगों के अनुसार रेत (सफेद बालू) माफियाओं द्वारा सरयू नदी से प्रतिदिन रात के अंधेरे में सफेद बालू निकाल कर दर्जनों ट्रैक्टर ट्राली में भर कर जगह-जगह स्टाक किया जा रहा है रहे है। सरयू नदी से रेत निकालने का अवैध कारोबार बदस्तूर जारी है। कुछ दिन पहले रेत माफिया विभाग की सक्रियता से खनन नहीं कर रहे थे। लोगों के अनुसार रेत माफियाओं के अवैध कारोबार में पुलिस और खनिज विभाग का उन्हें पूरा सहयोग प्राप्त है, लेकिन कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीं है।
चिमनी व सरकारी कार्यों में ज्यादा रेत खपत होने के कारण बालू की मांग बढ़ गई है। इससे इन कारोबारियों की चांदी कट रही है। वहीं सूत्रों का कहना है कि बालू माफिया सरकारी आदेश का किस तरह का माखौल उड़ा रहे हैं प्रशासन की कार्रवाई भी दिखावे भर की होती है। रोक के बावजूद निर्माण कार्यों में इन सफेद बालू का उपयोग किया जा रहा है। अंधेरा होते ही ये माफिया सक्रिय हो जाते हैं। ज्ञात हो कि माफिया वर्षा के दौरान ऊंचे दामों पर बालू बेचकर काफी मुनाफा कमाते हैं। प्रखंड के कचनार, सिसवन, भागर, ग्यासपुर, जयी छपरा, शुभहाता में प्रतिदिन एक दर्जन से अधिक ट्रैक्टर ट्राली से बालू लेकर जगह-जगह ले जाते हैं। इस संबंध में सीओ सतीश कुमार ने बताया कि बालू माफियाओं को चिह्नित किया जा रहा है। उनकी पहचान कर शीघ्र ही कार्रवाई की जाएगी।