परवेज अख्तर/सिवान :
आधुनिक युग में भी कुछ लोग अब भी अंधविश्वास पर यकीन करते हैं। इसका उदाहरण शुक्रवार की शाम आंदर प्रखंड के धर्मपुर गांव में देखने को मिला। कुछ दिन पूर्व दफनाई गई एक बच्ची के शव को उसके स्वजनों ने झाड़फूंक करने वाली महिला के कहने पर कब्र से बाहर निकाल दिया। इसके बाद बेलवासा गांव स्थित काली मंदिर परिसर में घंटों मंत्रोच्चार कर जीवित करने का खेल शुरू कर दिया। झाड़फ़ूंक करने वाली महिला द्वारा बच्ची को जीवित करने का प्रलोभन स्वजनों को दिया गया था। इसकी जानकारी जैसे ही ग्रामीणों को हुई मौके पर पहुंचे स्थानीय लोगों ने उक्त महिला की पिटाई शुरू कर दी।
घटना के बाद महिला किसी तरह जान बचाकर वहां से भाग निकली। इस घटना की चर्चा क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। आंदर थाना के छजवा गांव निवासी वकील साह की पुत्री अंशिका कुमारी की मौत कुछ दिन पूर्व बीमारी के कारण हो गई थी। स्वजनों ने ग्रामीणों की मदद से दो जुलाई को उसके शव को गांव स्थित श्मशान घाट में कब्र खोद दफना दिया। शुक्रवार की शाम थाना क्षेत्र के धर्मपुर गांव निवासी दुलारी देवी के कहने पर अंशिका के माता-पिता ने उसके शव को कब्र से बाहर निकाल दिया। इसके बाद दुलारी ने मंदिर परिसर में झाड़फ़ूंक शुरू कर दी। इसकी सूचना जब ग्रामीणों को लगी तो वे आग बबूला हो गए और उक्त स्थल पर पहुंच महिला की पिटाई कर दी। पिटाई के बाद महिला वहां से भाग गई।
ग्रामीणों ने इस मामले की जानकारी आंदर थाने को दी। सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और मामले की जांच की। इसके बाद ग्रामीणों के सहयोग से शव को दफना दिया गया। इस मौके पर हरेंद्र सिंह, रंजीत सिंह, बलभद्र सिंह, शिवशंकर सिंह, लालदेव प्रसाद, मुक्तिनाथ पांडेय, संजय बिन, जयराम बिन, सुरेश बिन आदि उपस्थित थे। थानाध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि ग्रामीणों की मदद से उस बच्ची के शव को कब्र खोद दफना दिया गया है।