- बारिश के साथ बही तेज हवाओं ने धान की फसल को खूब झुमाया
- कई दिनों से पड़ रही गर्मी और तीखी धूप से लोगों को मिली है राहत
परवेज अख्तर/सिवान: जिले में सोमवार को हथिया नक्षत्र चढ़ने के साथ पहले दिन ही तेज हवाओं के साथ काले मेघ गजर और चकम के साथ जमकर बरसे। इस वजह से जहां लोगों को गर्मी और तीखी धूप से राहत मिली, वहीं कामकाज के लिए घर से बाहर निकले लोगों को परेशानी हुई। बारिश और तेज हवाओं के चलते बिजली की सप्लाई पर भी बुरा असर दिखा। दोपहर करीब 12 बजे शुरू हुई बारिश 3 बजे के बाद थमी। इस बीच रघुनाथपुर में बिजली की सप्लाई पूरी तरह से ठप रहीं। दोपहर 3 बजे के बाद से लोग बिजली की सप्लाई का इंतजार करते रहे। लेकिन, बिजली शाम पौने 6 बजे ही सप्लाई दी जा सकी। बहरहाल बारिश से गांव-देहात से लेकर हाट-बाजार तक की सड़कें कीचड़ और कचरों के अंबार से पट गया।
बारिश की अभी नहीं थी कोई जरूरत
किसानों का कहना है कि प्रकृति पर तो किसी का वश नहीं है। लेकिन, अभी पांच-सात दिनों तक बारिश की कोई जरूरत नहीं थी। एक सप्ताह बाद यह बारिश होती तो काफी अच्छा रहता। चुकी अभी धान के खेत से बालियों के निकलने का सिलसिला जारी है। 80 फीसदी खेतों से धान की बालियां निकल चुकी है। सप्ताह-दस दिन बाद यह पककर तैयार हो जाती तो, धान की कटनी करने के साथ ही किसान हथिया नक्षत्र की बारिश से खेत में बनी नमी से गेहूं फसल समेत तमाम रबी फसल की बुआई कर लेते। हालांकि, अभी हथिया नक्षत्र को चढ़े मात्र एक दिन ही हुए हैं। गांव के लोगों का कहना है कि हथिया के पेटे जाड़ आता है। हथिया नक्षर में जमकर बारिश हुई तो जाड़ा जल्द आएगा।
बाल-बाल गिरने से बचे धान के पौधे
सोमवार की दोपहर 12 बजे जिस तरह तेज हवाओं के साथ हथिया नक्षत्र की बारिश हो रही थी, किसानों के हाथ उनके सीने पर ही थे। हालांकि, बारिश थमी तो मजबूत जड़ जमाए धान की फसल खेत में अडिग दिखीं तो किसानों के मुरझाए चेहरे चमक उठे। किसानों का कहना है कि अभी के समय में हवा चलने पर धान की फसल के गिरने का डर हो जाता है। इसका असर सीधे पैदावार पर पड़ता है। हालांकि, चक्रवाती तुफान गुलाब का असर सीवान जिले में भी पड़ने की संभावना जतायी जा रही है। लोगों का कहना कि इसका असर यहां दिखा तो हवा न भी चले तो बारिश तो जमकर होगी ही। ऐसी स्थिति में इसका असर फसल पर भी पड़ सकता है।