- सभी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का आयोजन
- प्रसव पूर्व जांच के दौरान नर्सों ने लगाया टीका
- कोरोना की वैक्सीन गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षा कवच
परवेज अख्तर/सिवान: जिले में अब गर्भवती महिलाओं को कोरोना का टीका देने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अच्छी पहल की शुरुआत की है। अब स्वास्थ्य संस्थानों में आयोजित प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के दौरान विशेष अभियान चलाकर गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जाएगा . प्रत्येक माह 9 तारीख को आयोजित होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित अभियान के दिन गर्भवती महिलाओं को कोविड का टीका देने का निर्देश दिया गया है. लेकिन इस माह तीज पर्व होने के कारण कार्यक्रम को लेकर संशोधित तारीख 13 सितंबर किया गया. इस दौरान सभी स्वास्थ्य संस्थानों को अभियान के दौरान सजाया गया था. प्रसव पूर्व जांच के साथ हीं कोविड टीकाकरण के बारे में जानकारी भी दी गयी. गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के लिए सत्र निर्धारण, पोर्टल पर पंजीकरण आदि से संबंधित पूर्व में निर्गत निर्देश के आलोक में आनलाइन तथा आनस्पॉट पंजीकरण के आधार पर टीकाकरण किया गया. स्वास्थ्य संस्थानों पर आने वाली गर्भवती महिलाओं की गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की गई तथा जो गर्भवती महिला टीका से अभी तक वंचित हैं.उन्हें कोरोना 19 का टीका दिया दिया गया.इसके लिए इस दिवस के दिन की गयी प्रसव पूर्व जांच के अनुसार अनुमानित कोविड टीका की व्यवस्था सभी स्वास्थ्य संस्थान पर करने का निर्देश दिया गया हैै. ताकि इस दिवस पर आने वाली गर्भवती महिलाओं को टीका दिया जा सके.
कोविड टीका गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित
डीआईओ डॉ प्रमोद कुमार पांडेय ने कहा कि गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच के दौरान आवश्यक सभी तरह के टीकाकरण के साथ सााथ कोविड टीकाकरण भी कराया जाना चाहिए.कोविड 19 टीकाकरण गर्भवती महिलाओं और उनके होने वाले बच्चे दोनों के लिए सुरक्षित है. कोरोना 19 के लक्षण जिन गर्भवती महिलाओं में पाये जाते हैं उन्हें गंभीर बीमारी होने की संभावना अधिक होती है और भ्रूण पर भी इसका प्रभाव हो सकता है.इसलिए गर्भवती महिलाओं को कोरोना 19 वैक्सीन लगवाने की सलाह दी जाती है. परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान कोरोना 19 संक्रमण से संक्रमित हो जाती है तो उसे प्रसव के तुरंत बाद वैक्सीन लगायी जानी चाहिएकोरोन. कोरोना 19 वैक्सीन सुरक्षित है| हल्का बुखार, इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द या एक से तीन दिनों तक अस्वस्थ महसूस करने जैसे मामूली असर हो सकते हैं.
आशा कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर दी जानकारी
डीआईओ ने कहा कि सभी पीएचसी व आउटरीच सेंटर्स पर महिलाओं की एएनसी जांच भी की गयी। ताकि, माताएं अपने गर्भ में पल रहे शिशु की शारीरिक स्थिति से अवगत हो सकें. हालांकि, गर्भवतियों को टीकाकृत करने का निर्णय के बाद आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा गर्भवती महिलाओं को उनके या बच्चे के स्वास्थ्य पर कोविड 19 के संभावित जटिलताओं, जोखिमों व टीकाकरण के लाभों के बारे में बताया गया. जिसकी बदौलत एक बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं टीकाकरण के लिए राजी हुई.गर्भवती माता भी खुद और अपने आनेवाले शिशुओं की स्वास्थ्य के प्रति चिंतित है.यही कारण है कि गर्भवती महिलाएं भी कोविड का टीका लेने के लिए आगे आने लगी हैं. टीकाकरण केंद्रों बिना किसी झिझक के अपना टीकाकरण कराकर खुद को और अपने शिशुओं के जीवन को रक्षा करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.