- हर हाल में उपलब्ध करायी जायेगी मुआवजा की राशि
- आईडीएसपी के राज्य सर्वेक्षण पदाधिकारी ने जारी किया निर्देश
परवेज अख्तर/सिवान: कोविड संक्रमण से मृत व्यक्तियों के उन सभी नजदीकी आश्रितों को राज्य सरकार की ओर से आवश्यक सहायता राशि मुहैया करायी जायेगी, जिनका किसी कारणवश बिहार कोविड पोर्टल पर नाम प्रविष्ट नहीं हो सका है. कोविड संक्रमण से मृत व्यक्तियों के निकटतम आश्रितों को वित्तीय सहायता दी जायेगी. इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति, आईडीएसपी के राज्य सर्वेक्षण पदाधिकारी डॉ. रंजीत कुमार ने पत्र जारी कर निर्देश दिया है. कोविड संक्रमण के कारण व्यक्तियों की मौत राज्य में सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों के अतिरिक्त होम आइसोलेशन अथवा ट्रांजीशन की स्थिति में हुई है, तथा कतिपय कारणों से उनमें से कई नामों को कोविड संक्रमण के जांचोंपरान्त बिहार कोविड पोर्टल पर दर्ज नहीं किया जा सका है. संक्रमित वैसे मृत व्यक्तियों जिनका नाम बिहार कोविड-19 पोर्टल पर कतिपय कारणों से दर्ज नहीं किया जा सका है किन्तु वाछित प्रमाणों से स्पष्ट होता है कि उनकी मृत्यु कोविड संक्रमण के कारण हुई है तो उनके निकटतम आश्रितों को भी अनुग्रह अनुदान राशि का भुगतान किया जाना है. ऐसी विशेष परिस्थिति में कोविड संक्रमित व्यक्तियों की सूची तैयार करते समय तथ्यों की जाँच में विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए. ताकि उनके निकटतम आश्रितों को राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली 4 लाख रुपये की अनुग्रह अनुदान राशि तथा उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार एनडीएमए के निर्णय के तहत 50,000 रुपये की राशि के भुगतान हेतु त्रुटिरहित सूची जारी की जा सके.
पोर्टल पर नाम नहीं दर्ज होने पर भी मिलेगी राशि
कोविड 19 से मृत कतिपय व्यक्तियों का नाम बिहार कोविड 19 पोर्टल पर प्रविष्ट या अंकित नहीं हुआ है. इस कारण से उनके आश्रितों को अनुग्रह अनुदान राशि का भुगतान विभाग द्वारा पूर्व में निर्गत दिशानिर्देश व मापदंड के अनुरूप नहीं पाये जाने के कारण तकनीकी कारणों से अस्वीकृत किये गये हैं या ऐस आश्रितों के आवेदन स्वीकृति के लिए लंबित हैं. इसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि कोविड 19 से राज्य के अंदर वैसे मृत व्यक्ति जिनका नाम बिहार कोविड 19 के पोर्टल पर प्रविष्ट या अंकित नहीं है उनके निकटतम आश्रित को इस आधार पर अनुग्रह अनुदान राशि के भुगतान से वंचित नहीं किया जायेगा कि मृतक का नाम बिहार कोविड 19 पोर्टल पर दर्ज नहीं है.
विशेष सावधानी के साथ होगा सत्यापन
पत्र के माध्यम से निर्देश दिया गया है कि जिलों एवं मेडिकल कॉलेज अस्पतालों की सूची को प्रथम दृष्टया जांच तथा मिलान करने के क्रम में कई त्रुटियां पायी गयी है, यथा-पूर्व जारी सूची के नामों को पुनः भेजा जाना, कोविड जांच रिपोर्ट या जांच तिथि का न होना, मृत्यु तिथि का न होना, अस्पतालों के नाम या अस्पतालों में भर्ती की तिथि का न होना,एचआरसीटी के मामलों का समाहित होना इत्यादि. इसके अतिरिक्त होम आइसोलेशन के मामलों के सत्यापन अवधि में विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए थी, किन्तु इस संबंध में जांच तथा मृत्यु की तिथि में त्रुटियाँ पायी गई हैं. नियमानुसार मामलों की पुनः जाँच की जानी चाहिए. इस स्थिति में त्रुटि रहित सूची तैयार करने एवं सही व्यक्तियों को अनुग्रह अनुदान राशि के भुगतान करने की मूल भावना प्रभावित होगी तथा इसका फायदा गलत प्रवृति के लोगों के द्वारा उठाये जाने की संभावना बनी रहेगी.