✍️परवेज अख्तर/एडिटर इन चीफ: जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में धनतेरस का पर्व शनिवार को मनाया जाएगा। धनतेरस पर खरीदारी का शुभ स्थिर मुहूर्त शाम सात बजकर तीन मिनट से रात 10 बजकर 39 मिनट तक है। इस स्थिर मुहूर्त में खरीदारी करना उत्तम रहेगा।इसको लेकर पहले से ही लोगों ने तैयारी भी पूरी कर ली है। धनतेरस के एक दिन पूर्व शुक्रवार को बाजारों में काफी चहल पहल देखी गई। दुकानदारों ने अपनी अपनी दुकानों के आगे सामग्री निकाल उनकी सजावट शुरू कर दी थी। इस दौरान बर्तन, इलेक्ट्रीक, कपड़े सहित अन्य दुकानों में सबसे ज्यादा तैयारी देखने को मिली। दुकानों को भी इस कदर सजाया गया है कि आसपास से गुजरने वाले लोगों की अनायास उस ओर नजर उठ जा रही है। शहर के शहीद सराय, थाना रोड, गल्ला मंडी, जेपी चौक पन्ना मार्केट, उजायं मार्केट सहित सभी बाजारों की हर दुकान में ग्राहकों की भीड़ खूब दिख रही है। धनतेरस व दीपावली को लेकर सबसे अधिक भीड़ कपड़ों की दुकानों पर देखने को मिल रही है। हालांकि मोबाइल, एलईडी सहित इलेक्ट्रानिक्स आइटम की खरीदारी करने के लिए ग्राहक आनलाइन पर सामान देखने के बाद बाजारों में घूम रहे हैं। स्टेशन रोड स्थित विभिन्न इलेक्ट्रानिक्स दुकानों में ग्राहकों की भीड़ देखने को मिली। त्योहार को देखते हुए दुकानों में हर उम्र वर्ग के लोगों की भीड़ देखी जा रही है। दुकानदारों का कहना है कि महंगाई के कारण अधिक कीमती सामान को खरीदने में लोग कुछ झिझक रहे हैं। बावजूद इसके दुकानों पर भीड़ उमड़ी रही।
धनतेरस का है विशेष महत्व :
दीपावाली से पूर्व शनिवार को धनतेरस पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन लोग धन और आरोग्य के लिए भगवान धन्वंतरि की पूजा की पूजा करेंगे। आंदर के पड़ेजी निवासी आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी और भगवान कुबरे के साथ भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। ऐसा करने से हमेशा सुख और समृद्धि बनी रहती है और उनका आशीर्वाद भी बना रहता है। मान्यताएं हैं कि धनतेरस के दिन बर्तन, सोना-चांदि के सामान, झाडू आदि खरीदारी की जाती है। इस दिन खरीदे गए सामान से उसमें तेरह गुणा की वृद्धि होती है। इस दिन कुबेर की भी पूजा की जाती है। इस दिन लोग दक्षिण दिशा में दीपदान भी करते हैं, ताकि अकाल मृत्यु से बचा जा सके। इस दिन मुख्य तौर पर कुछ ना कुछ सामान खरीदने की परंपरा है।
धनतेरस पर खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त :
शास्त्रों में धनतेरस पर रजत यानी चांदी क्रय करना सौभाग्य कारक बताया गया है। कहते हैं कि इस दिन खरीदे हुए चांदी में तेरह गुने की वृद्धि हो जाती है। चांदी खरीदने की स्थिति ना होने पर ताम्र या अन्य धातुओं का क्रय किया जा सकता है। सोना चांदी और अन्य धातु वृष लग्न में खरीदना चाहिए।
क्या है धनतेरस पूजा का शुभ मुहुर्त :
- धनतेरस पूजा के लिए शाम सात बजे से रात आठ बजकर 17 मिनट तक रहेगा। पूजन की अवधि 1 घंटा 16 मिनट की है।
- प्रदोष काल : शाम 5 बजकर 45 मिनट से रात 8 बजकर 17 मिनट तक।
- वृषभ काल : शाम 7 बजकर 1 मिनट से रात 8 बजकर 56 मिनट तक।
ऐसे करें धनतेरस की पूजा :
सबसे पहले मिट्टी का हाथी और धनवंतरि भगवान की फोटो स्थापित कर चांदी या तांबे की आचमनी से जल का आचमन करें। इसके बाद भगवान गणेश का ध्यान और पूजन करना चाहिए। तत्पश्वात हाथ में अक्षत-पुष्प लेकर भगवान धनवंतरी का ध्यान करें।
इस मंत्र का करें जप :
- देवान कृशान सुरसंघनि पीडितांगान, दृष्ट्वा दयालुर मृतं विपरीतु कामः
- पायोधि मंथन विधौ प्रकटौ भवधो, धन्वन्तरि: स भगवानवतात सदा नः
- ॐ धन्वन्तरि देवाय नमः ध्यानार्थे अक्षत पुष्पाणि समर्पयामि।। इस मंत्र का जाप करने से जातकों की किस्मत चमक जाएगी।