सामाजिक कार्यकर्ता की गिरफ्तारी का राजनीतिक दल व सिविल सोसाइटी के लोगों ने किया विरोध
परवेज अख्तर/सिवान: शहर के सिसवन ढाला मोड़ स्थित जैक मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के सभागार में गुरुवार को प्रेसवार्ता कर पुलिसिया कार्रवाई की निंदा की गई। विभिन्न राजनीतिक दल के नेता व सिविल सोसाइटी के लोगों ने शहर में साहिल व शाबान की हत्या के बाद पुलिस की कार्रवाई व विरोध में सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए प्रदर्शन के खिलाफ एफआईआर व गिरफ्तारी की एक स्वर में निंदा की। डॉ. के. एहतेशाम अहमद ने कहा कि पुलिस हत्यारों को पकड़ने की जगह इंसाफ मांगने वालों पर एफआईआर कर रही है। नेमत खान आजाद की गिरफ्तारी को इंसाफ मांगने वालों की आवाज को दबाने का आरोप लगाया। कहा कि राज्य चुनाव आयोग का स्पष्ट कहना है कि शहरों में चुनाव आचार संहिता नहीं लगाई जाएगी। ऐसी स्थिति में चुनाव आचार संहिता का हवाला देकर गिरफ्तारी करना सवालिया निशान खड़ा करती है। नेमत खान की गिरफ्तारी को रद्द करते हुए धाराओं को हटाकर रिहा करने की मांग की।
कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष शिवधारी दुबे ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई दमनकारी कार्रवाई है। इस कार्रवाई से पुलिस के अंदर जनता का विश्वास कम हो रहा है। पुलिस जल्द से जल्द इस मामले में अपना पक्ष स्पष्ट करे और जो मुकदमा लगाई है उसे वापस ले। सीपीएम के मार्कंडेय दीक्षित ने कहा कि 2014 के बाद स्थितियां बदली हैं। एक राजनीतिक सोच के लोग जनतांत्रिक मूल्यों को दमन करने में प्रशासन का इस्तेमाल कर रहे हैं। कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के जिलाध्यक्ष फजले हक ने कहा कि कोविड-19 का हवाला देकर किसी को गिरफ्तार करना हास्यापद है जबकि चारों तरफ रैलियां हो रही हैं। पुलिस को इंसाफ को मजबूत करने का काम करना चाहिए न कि इस प्रकार की गिरफ्तारी जिससे यह संदेश जाए कि पुलिस दमनकारी भूमिका में नजर आ रही है। संवाददाता सम्मेलन में प्रो. उपेंद्र यादव व एआईएसएफ के जिला सचिव शशि गुप्ता मौजूद थे।