- संध्या में स्नान के बाद पितरों को करेंगी तेल व खरी अर्पित
- बाजार में तरोई व तरोई पत्ता के साथ नोनी के साग की बिक्री
परवेज अख्तर/सिवान: पुत्र की सलामती को लेकर मनाए जाने वाले जिउतिया व्रत के मद्देनजर मंगलवार को बाजार में चहल-पहल दिन भर बनी रही। जिउतिया को लेकर बाजार में रौनक इस कदर बढ़ गई थी कि कई बार जाम सा दृश्य बन गया। शहर के कसेरा टोली से लेकर थाना रोड तक महिलाएं जिउतिया का माला खरीदने व सुनार के यहां माला में मोती गुथवाने के लिए पहुंचती रही। बाजार में व्रत को लेकर नोनी का साग, तरोई व तरोई के पत्ते की बिक्री जमकर होती रही। शहर में सौ रुपये से लेकर डेढ़ सौ रुपये तक तरोई की बिक्री हुई, वहीं 10 से 15 रुपये में तराई का 10 पत्ता मिल रहा था। नोनी का साग भी 50 रुपये से लेकर 60, 70 रुपये किलो तक मिल रहा था। हालांकि इसके बावजूद नोनी का साग बाजार में कम ही मिल रहा था।
वहीं केला व सेव की बिक्री जमकर हुई। इधर, जिउतिया व्रत की शुरुआत नहाय-खाय के साथ मंगलवार को हो गई। बुधवार को निर्जला व्रत रहने के साथ ही व्रती महिलाएं संध्या में नदी व तालाब में स्नान कर पितरों को तेल व खरी अर्पित कर पूजा-अर्चना करेंगी। साथ ही जिउतिया व्रत का कथा सुनेंगी। आरपीएफ मंदिर के पुजारी प्रिया बाबा ने कहा कि गुरुवार की सुबह विधि-विधान से व्रत का समापन पारण के साथ होगा। बताया कि प्रदोष काल में पूजा करना सर्वोत्तम माना जाता है। कहा कि जिउतिया का व्रत कर कथा सुनने वाली महिलाओं को भगवान जिमुतवाहन की कृपा से संतान दीर्घायु होने का वरदान प्राप्त होता है।