प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के अदालत में हुई सुनवाई
परवेज अख्तर/सिवान: प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिलेश चंद्र झा की अदालत में एक अनुसूचित जाति पर गोली मारकर जानलेवा हमला करने के मामल में एक आरोपी को सात वर्ष की सजा एवं पन्द्रह हजार का जुर्माना लगाया गया है.वही एक को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया.बताते चलें कि रघुनाथपुर थाना कांड के भाटी गांव निवासी अर्जुन राम ने रघुनाथपुर थाना कांड संख्या 24/18 दर्ज करवाया था.जिसमें गांव के ही चंदन पाठक व रत्नेश पांडे को अभियुक्तअभी बनाया गया था. अर्जुन राम ने अपने बयान में कहा है कि 24 फरवरी 2018 को संध्या 5:45 बजे अपने दरवाजे पर बैठा था? तभी गांव के ही चंदन पाठक और रत्नेश पांडे मुझे बुलाकर बोरिंग पर लेकर चले गए. चंदन पाठक बोले कि खेत में क्यों सिंचाई नहीं हुई है. मैंने बोला कि कल सिंचाई कर दूंगा.
इतने ही बात पर चंदन पाठक जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल कर गाली गलौज करने लगे और बोले कि क्यों सिंचाई नहीं किया? इसके बाद चंदन पाठक ने मेरे सीने में दो गोली मार और दाहिने पांजर में एक गोली मार दिया. मैं गिरकर बेहोश हो गया. गोली की आवाज सुनकर अगल-बगल के लोग घटनास्थल पर पहुंचे तब तक दोनों अभियुक्त मुझे कुआं में फेंकने के लिए घसीटते हुए ले कर जा रहे थे.सभी लोगों की नजर उस पर पड़ी और मुझे बचा लिया.ग्रामीणों ने मुझे रघुनाथपुर अस्पताल ले गए जहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने सदर अस्पताल रेफर कर दिया. वहां भी उपचार के बाद बेहतर उपचार के लिए गोरखपुर ले गए जहां मेरा इलाज हुआ.
न्यायालय में अभियोजन की तरफ सेविशेष एपीपी भागवत राम बचाव पक्ष के अधिवक्ता इष्ट देव तिवारी ने अपना-अपना बहस किया. दोनों का बहश सुनने के बाद एडीजे वन अखिलेश चंद्र झा की कोर्ट में भादवि की धारा 307 में चंदन पाठक को 7 वर्ष की सजा और पन्द्रह हजार का जुर्माना किया है. वहीं जुर्माने की राशि नहीं देने पर तीन माह अतिरिक्त सजा सुनाया है वही 27 A आर्म्स एक्ट में तीन वर्ष की सजा पांच हजार जुर्माना किया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर एक माह अतिरिक्त सजा सुनाया है. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. चंदन पाठक लगभग तीन वर्ष से जेल में बंद है.वहीं रत्नेश पांडे को संदेश में बरी कर दिया गया है.