- कार्ड बनाने में कार्यपालक सहायकों की भी मदद ली जा रही थी लेकिन चुनाव ड्यूटी लगने से आंशिक असर पड़ा है
- योजना के अस्तिस्व में आए कई वर्ष बीत गए
- यूटीआई द्वारा ई-गोल्डेन कार्ड बनाने का काम
- 11 लाख से भी अधिक पात्र लाभार्थियों की संख्या
- 02 हजार 18 से बनाया जा रहा है ई-गोल्डेन कार्ड
परवेज अख्तर/सिवान: प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना के अस्तिस्व में आए कई वर्ष बीत गए हैं। बावजूद जिले में अधिकतर लाभार्थियों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा हैं। जिले में अबतक एक लाख 35 हजार लाभार्थियों तक ही ई-गोल्डेन कार्ड पहुंच सका है। प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 2018 से ही ई-गोल्डेन कार्ड बनाने की कवायद शुरू की गयी थी जो अब भी जारी है। फिलहाल यूटीआई द्वारा ई-गोल्डेन कार्ड बनाने का काम किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि ई-गोल्डेन कार्ड बनाने में जिले के कार्यपालक सहायकों की भी मदद ली जा रही थी लेकिन पिछले दिनों चुनाव में उनकी ड्यूटी लगने से ई-गोल्डेन कार्ड बनाने पर आंशिक असर पड़ा है। गौरतलब है कि जिले में 11 लाख से भी अधिक लाभार्थियों को इसके लिए पात्र घोषित किया गया है।
पिछले दो महीने में सिर्फ 6 हजार को मिला कार्ड
प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दो महीने में जिले के करीब छह हजार लाभार्थियों का ही ई-गोल्डेन कार्ड बनाया गया है। वहीं दूसरी तरफ बताया गया कि लाभार्थियों में इसे लेकर रुचि नहीं है। आयुष्मान भारत योजना को लेकर लाभार्थियों को जागरूक करने को लेकर सार्वजनिक स्थलों पर बैनर-पोस्टर व अन्य प्रचार तंत्र को अपनाया जा रहा है।
पांच लाख रुपए का कैशलेस मुफ्त स्वास्थ्य बीमा
इस योजना के अंतर्गत पात्र परिवारों को पांच लाख रुपये की कैशलेस स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जाता है। लाभार्थी इसका लाभ सरकारी व चिन्हित प्राईवेट अस्पतालों में भी इलाज कराने के दौरान ले सकते हैं। लाभार्थियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर जिले में करीब छह अस्पतालों को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा गया है। जहां ई-गोल्डेन धारक लाभार्थी अपना इलाज मुफ्त में करा सकते हैं।