दहेज हत्याकांड में जेल में बंद महिला को मिला भादवि की धारा 167 (2) का लाभ
परवेज अख्तर/सिवान: एसडीजेएम हिना मुस्तफा की अदालत में दहेज हत्याकांड के मामले में अनुसंधानकर्ता द्वारा समय से आरोप पत्र दाखिल नहीं किए जाने के कारण भादवि की धारा 167 (2) का लाभ देते हुए जेल में बंद मृतका की सास को जमानत दे दिया। बताते चलें कि असांव थाना कांड संख्या 70/2020 में सहायक अवर निरीक्षक जफर आलम सह अनुसंधानकर्ता ने 90 दिनों के अंदर आरोप पत्र दाखिल नहीं किया था। इस लापरवाही के कारण दहेज हत्या की आरोपित असांव थाना क्षेत्र के मोगलानीपुर निवासी जामा यादव की पत्नी मुन्नी देवी को जमानत मिल गई। वह 29 अप्रैल 2022 से जेल में बंद थी।
इस कांड की प्राथमिकी गुठनी थाना के बहेलिया गांव निवासी र श्रीराम चौधरी ने दर्ज कराई थी। उन्होंने अपने आवेदन में कहा था कि मैंने अपनी पुत्री साधना देवी की शादी छह वर्ष पूर्व मोगलानीपुर निवासी सत्येेंद्र यादव के साथ की थी। सत्येंद्र यादव सेना का जवान है। दहेज में कार नहीं देने पर मेरी पुत्री की हत्या सभी ने मिल कर दी थी। मामले में मृतका के पति समेत सास मुन्नी यादव, लक्ष्मण यादव, अरुण यादव और धीरज यादव को आरोपित किया था। इस मामले में एपीओ रामानंद सिंह ने आरक्षी अधीक्षक को अनुसंधानकर्ता जफर आलम के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई करने के लिए पत्र प्रेषित किया है।