परवेज अख्तर/सिवान: जिला मुख्यालय समेेत ग्रामीण क्षेत्रों में शनिवार को भगवान विश्वकर्मा की पूजा हर्षोल्लास के साथ की जाएगी। वहीं जिले के कल-कारखानों में जगह-जगह भव्य पंडाल में प्रतिमा स्थापित कर विश्वकर्मा पूजा की तैयारी पूरी कर ली गई है। आंदर के पड़ेजी निवासी आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि भगवान विश्वकर्मा प्रथम वास्तुकार व इंजीनियर हैं। इन्होंने ही स्वर्ग लोक, पुष्पक विमान, द्वारका नगरी, यमपुरी, कुबेरपुरी आदि का निर्माण किया था। इसबार बज्र योग एवं सिद्धि योग में भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना की जाएगी। आचार्य ने बताया कि इस दिन विशेष तौर पर औजार, निर्माण कार्य से जुड़ी मशीनों, दुकानों, कारखानों, मोटर गैराज, वर्कशाप, लेथ यूनिट, कुटीर एवं लघु उद्योग इकाईयों आदि में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाएगी।
खरीदारी को लेकर बाजार में उमड़ी रही भीड़ :
विश्वकर्मा पूजा को लेकर शुक्रवार को बाजार में भीड़ रही। खासकर मिठाई, फल, सजावट सामग्री व फूलों की जबरदस्त डिमांड रही। इसकी जमकर बिक्री भी हुई। देर शाम भी लोग खरीदारी करते दिखे।
वाहन धुलवाने के लिए लगी रही भीड़ :
शुक्रवार की शाम होते ही वाहन धुलवाने के लिए लंबी कतार लग गई। शहर के मैरवा-सिवान मुख्य मार्ग स्थित श्रीनगर, सुता मिल, महादेवा रोड, तरवारा रोड, स्टेशन रोड समेत अन्य जगहों पर वाहन धुलवाने के लिए लोग पहुंचे थे। देर रात तक वाहनों का आना जारी रहा।
ऐसे करें भगवान विश्वकर्मा की पूजा :
विश्वकर्मा जयंती के दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर लें। फिर साफ-सुथरे वस्त्र धारण करके अपने कार्यस्थल पर एक चौकी रखें। इस पर नीले रंग का कपड़ा बिछाएं और भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित करें। चौकी के पास अपने काम में इस्तेमाल होने वाली मशीनों और औजारों को रखें। इसके बाद भगवान विश्वकर्मा को चंदन, हल्दी, अक्षत, फल, फूल और मिठाई अर्पित करें। उनके मंत्रों का जाप करें। अंत में भगवान की आरती उतारें और अपने मंगलमयी जीवन की कामना करें।