परवेज अख्तर/सिवान: नौ सूत्री मांगों को ले आशा ने गुरुवार को समाहरणालय के समक्ष धरना दिया तथा मांगों से संबंधित ज्ञापन मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री के नाम डीएम को सौंपते हुए मांगों पर विचार करने की बात कही। प्रदर्शन में शामिल आशा का कहना था कि वे अपनी मांगों को लेकर 12 जुलाई से ही धरना व हडताल पर हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। आशा ने कहा कि वे लोग ग्रामीण स्वास्थ्य से लेकर बुनियाद के रूप में सेवा दे रही हैं। उनकी सेवा के कारण ही सरकारी संस्थागत प्रसव एवं जन्म-मृत्यु की दर में भी राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसनीय कमी के आलावा कई उपलब्धियां हासिल हुई है। इतना ही नहीं प्रसवपूर्व तथा प्रसवोत्तर सहित अन्य टीकाकरण कार्य भी नियमित संचालित किया जा रहा है। इसके साथ ही समय-समय पर सरकार द्वारा सौंपे गए अन्य कार्य भी उनके द्वारा परिश्रम के साथ संपन्न किए जाते रहे हैं। इसके अलावा कोरोना महामारी के दरम्यान भी महामारी संबंधी विभिन्न निरोधात्मक कार्यक्रम का आशा अपनी जान जोखिम में डालकर पूरी मुस्तैदी से समय पर कार्य पूरा की है। इस क्रम में कई आशा को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है। इसके बावजूद भी सरकार हम लोगों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। कहा कि उनकी मांगों पर अमल नहीं किया जा रहा है।
मानदेय एक हजार से बढ़ाकर 10 हजार करने की मांग :
मुख्य मांगों में मानदेय एक हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपये करने, सरकारी संकल्प के अनुरूप वित्तीय वर्ष 2019-20 अप्रैल से नवंबर तक की मासिक एक हजार रुपये बकाया राशि भुगतान करने, कोरोना काल की ड्यूटी के लिए 10 हजार रुपये कोरोना भत्ता भुगतान करने, राशि भुगतान में भ्रष्टाचार खत्म करने, आशा को पोशाक राशि का भुगतान करने, 20 दिन की जगह पूरे माह का भ्रमण भत्ता भुगतान करने, सरकारी कर्मचारी घोषित करने समेत नौ मांगें शामिल हैं। आशा का कहना है कि मांगे पूरी होने तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। वहीं दूसरी ओर बसंतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पुष्पा कुमारी, हुसैनगंज में प्रखंड अध्यक्ष रंजू देवी, भगवानपुर हाट में मीरा देवी, लकड़ी नबीगंज प्रखंड अध्यक्ष नूरजहां खातून, गोरेयाकोठी में अनीता देवी, आंदर में माधुरी देवी, दारौंदा में प्रखंड अध्यक्ष सुशीला देवी, हसनपुरा में दुर्गावती देवी, बड़हरिया में माया देवी, गुठनी में रीता देवी के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया गया।