परवेज अख्तर/सिवान: मच्छर वह कीट होते हैं जो मनुष्य के शरीर में रोग फैलाने की क्षमता रखते हैं, इस कारण प्रतिवर्ष विश्व में लाखों लोगों की मृत्यु हो जाती है। मच्छर के काटने से होने वाला रोग मलेरिया एक खतरनाक बीमारी है, जो कई लोगों के लिए मौत का पैगाम बनकर सामने आता है। मादा एनोफिलीज मच्छर प्रोटोजुअन प्लासमोडियम नामक कीटाणु के प्रमुख वाहक होते हैं, जो एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक कीटाणु फैला देते हैं। उक्त बातें सिविल सर्जन डाक्टर श्रीनिवास प्रसाद ने विश्व मच्छर दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल परिसर में मंगलवार को जागरुकता रैली के दौरान कही। कहा कि मच्छर के काटने से होने वाली बीमारियों के बारे में लोगों के बीच जागरुकता फैलाने और इसकी रोकथाम को बढ़ावा देने के लिए ही प्रत्येक वर्ष 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है। हालांकि विश्व मच्छर दिवस मनाने की शुरुआत वर्ष 1930 में लंदन स्कूल आफ हाइजीन और ट्रापिकल मेडिसिन ने की थी।
इस तरह के मच्छर के काटने से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया सहित कई अन्य प्रकार के रोगों का खतरा भी बढ़ता है। इसके काटने से होने वाली बीमारी से हर साल लाखों लोगों की मौत होती है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. ओपी लाल ने कहा कि सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अनिवार्य रूप से करना चाहिए। अपने घर के बाहर कूड़ा, कचरा या गंदगी को जमा नहीं होने देना चाहिए। वहीं पूरी बांह वाले कपड़े पहने और रात में मच्छर नही काटें, इसका भी उचित ध्यान रखना चाहिए।
बारिश के दिनों में अपने घरों के आसपास, अंदर और बाहर अनावश्यक रूप से एकत्रित पानी होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है, इतना ही नहीं घर में कूलर व अन्य खुले बर्तनों में लंबे दिनों तक पानी रहने से अक्सर उसमें डेंगू मच्छर का लार्वा पैदा हो जाता है। हालांकि इसमें एनाफिलीज एडीज, क्यूलेक्स मच्छर ज्यादा खतरनाक होता है। मलेरिया के प्रमुख लक्षण में मरीज को एक निश्चित समय पर बुखार आता है, सिरदर्द और मितली आने तथा हाथ और पैरों में दर्द के साथ कंपकंपी और ठंड लगने का भी एहसास होता है। इस अवसर पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. अनिल कुमार, डीपीसी इमामुल होदा, कुंदन कुमार, राजेश कुमार, विकास कुमार और कुंदन कुमार सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे।