परवेज अख्तर/सिवान: विश्व विभूति संविधान निर्माता भारतरत्न बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर 67वां महापरिनिर्वाण दिवस सेवाभाव से सादगीपूर्वक मनाया गया। मुख्य कार्यक्रम का आयोजन गोपालगंज मोड़ स्थित आंबेडकर स्मृति पार्क में किया गया, जहां बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके दिखाए रास्तों पर चलने का संकल्प लिया गया। डा. आंबेडकर महापरिनिर्वाण कार्यक्रम की शुरूआत में बौद्धाचार्य ज्ञान रत्न एडवोकेट गणेश राम द्वारा त्रिशरण एवं पंचशील का पाठ पढ़ाकर किया गया। वहीं दूसरे सत्र में विश्व शांति बुद्ध के संस्थापक भंते धम्म बोधि द्वारा भगवान बुद्ध और बाबा साहब डा. आंबेडकर के विचारों को बताया गया। उन्होंंने कहा कि बाबा साहब आंबेडकर ने बौद्ध धर्म स्वीकार किया। वे बुद्ध के समरसता के विचार से काफी प्रभावित थे। दलित वर्ग की शिक्षा के बारे में उनका मत था कि दलितों के अत्याचार तथा उत्पीड़न सहन करने तथा वर्तमान परिस्थितियों को संतोषपूर्ण मानकर स्वीकार करने की प्रवृति का अंत करने के लिए उनमें शिक्षा का प्रसार आवश्यक है। मौके पर मोतीलाल बौद्ध, ललन बैठा, अरुण कुमार, रामदास, केशव राम, सच्चिदानंद प्रभात, डा. एके अमन, टुनटुन राम, बच्चा राम, श्रीकांत राम, कमलेश बैठा, विश्वकर्मा मांझी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
नि:शुल्क चिकित्सा शिविर में रोगियों को दी गईं दवाइयां :
कार्यक्रम के दौरान चिकित्सा शिविर लगाया गया। शिविर में शहर के चिकित्सकों द्वारा रोगियों का इलाज किया गया। साथ ही आवश्यक दवाइयां दी गई। शिविर में डा. एमआर रंजन, डा. इंद्रमोहन कुमार, डा. शरद चौधरी, डा. अशोक कुमार, डा. शंभू कुमार, डा. प्रदीप कुमार सुमन, डा. सुधा रंजन, डा. संगीता प्रसाद, डा. सुशीला कुमारी समेत चिकित्सकों ने अपना बहुमूल्य योगदान दिया। इसके बाद मिशन गायक द्वारा मिशन गीत प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के अंत में कथावाचन कर विश्वविभूति बाबा साहब डा. भीमराव आंबेडकर एवं भगवान बुद्ध के संदेशों को बताया गया।