बदमाशों का फोटो के साथ फिंगर प्रिंट भी हो रही संग्रहित
परवेज अख्तर/सिवान: पुलिस लाइन स्थित नेशनल आटोमैटिक फिंगर आइडेंटिटी सिस्टम (नाफिस) कार्यालय में बदमाशों का डाटा अपलोड हो रहा है। पुलिस जिले के बदमाशों का पूरा डाटा आनलाइन अपने साइबर सर्वर में फीड कर रही है। अभी तक नाफिस केंद्र में जिले के आठ सौ बदमाशों का डाटा अपलोड हुआ है। इसमें बदमाशों की तस्वीर के साथ साथ फिंगर प्रिंट भी संग्रहित हो रही है। ऐसे में यदि कोई बदमाश फिर से अपराध करता है और उसके अंगूली के निशान वहां मिलते हैं तो उसकी उपस्थिति की जानकारी तुरंत मिल जाएगी। पुलिस गिरफ्त में आने वाले अपराधी जेल जाने से पहले नाफिस सेल में पहुंचेगा।
दूसरे जगहों पर नाम बदल कर रहने वाले भी आएंगे गिरफ्त में
कई बार बदमाश अपराध करने के बाद दूसरे राज्यों में या अन्य स्थानों पर नाम बदलकर रहने लगते हैं। पुलिस पहले से उसका फिंगर प्रिंट आनलाइन करके रखेगी तो,जैसे ही कहीं भी फिंगर का उपयोग होगा नेशनल आटोमेटिक फिंगर आइडेंटिटी सिस्टम से पता चल जाएगा कि वो अपराधी कहां है। इससे उसे आसानी से पकड़ा जा सकेगा।
पुलिस का काम हुआ आसान
पुलिस के अनुसार बदमाशों का डाटा आनलाइन पूरे भारत में भी हो रहा है। यह डाटा नेशनल आटोमेटिक फिंगर आइडेंटिटी सिस्टम में अपलोड हो रहा है। ऐसा हो जाने से पुलिस का काम काफी आसान हो गया है। पुलिस एक जगह पर बैठकर इंटरनेट की मदद से कुछ ही मिनट में यह पता लगा लेगी कि पकड़ा गया युवक पहली बार अपराध कर रहा या बार-बार। उसके खिलाफ कहां-कहां क्या-क्या अपराध दर्ज है।