परवेज अख्तर/सिवान: सिवान जिले में डेंगू का डंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। गुरुवार एवं शुक्रवार को हुए डेंगू कंफर्मेशन जांच में 12 व्यक्ति डेंगू संक्रमित मिले। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले में डेंगू संक्रमित मरीजों की संख्या 236 तक पहुंच गई है। गुरुवार को हुए जांच में 10 व्यक्ति डेंगू पाजीटिव मिले थे। इसमें बड़हरिया प्रखंड के दो, भगवानपुर हाट प्रखंड के एक,दरौली प्रखंड के दो, पचरुखी प्रखंड के एक तथा सिवान सदर प्रखंड के चार मरीज शामिल हैं। एक तरह से देखा जाए तो जिले में डेंगू बीमारी ने महामारी का रूप ले लिया है। शहरी क्षेत्र में नगर पंचायत एवं नगर परिषद द्वारा मुकम्मल छिड़काव नहीं होने से डेंगू का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है।सिविल सर्जन् डा. अनिल कुमार भट्ट ने बताया कि मच्छर जनित रोग डेंगू के लक्षणों की पहचान कर उपचार शुरू कर देनी चाहिए। एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है। इस वायरस से संक्रमित मच्छर दिन में अधिक काटते हैं। यह संक्रमण फ्लेविविरिडे परिवार के एक वायरस के सेरोटाइप- डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4 के कारण होता है। हालांकि, यह वायरस 10 दिनों से अधिक समय तक के लिए जीवित नहीं रह पाते हैं। लेकिन डेंगू संमण गंभीर रूप लेने पर रोगी को डेंगू रक्तस्रावी बुखार होने का खतरा बढ़ जाता है। डेंगू बुखार में ब्लड प्लेटलेट्स काफी तेजी से कम होने लगते हैं। जिसकी वजह से व्यक्ति को हैवी ब्लीडिंग, ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट, यहां तक कि पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु तक हो सकती है।
डेंगू संक्रमण के बच्चों में लक्षण :
डेंगू बुखार को हड्डी तोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है। डेंगू संक्रमण होने पर बच्चों को तेज बुखार के साथ पेट में तेज दर्द, मसूड़ों या नाक से खून आना, उल्टी या मल में खून आना, बेचैनी-सुस्ती या चिड़चिड़ापन की समस्या देखी जा सकती है। जिसके बाद रोगी की तुरंत जांच करवाना आवश्यक हो जाता है।
बचाव के लिए करें ये काम :
- घर के आसपास पानी ना जमा होने दें।
- कूलर का पानी हफ्ते में एक बार जरूर बदले।
- घर में कीटनाशक दवाई छिड़के।
- बच्चों को पूरी आस्तीन के कपड़े पहनाकर रखें।
- मच्छरदानी का प्रयोग करें।
- टंकियों और बर्तनों को ढक कर रखें।
डेंगू संक्रमण होने पर फालो करें ये टिप्स :
बच्चे में अगर डेंगू की पुष्टि होती है तो घबराने की जगह पीड़ित बच्चे को घर पर आराम करने दें। ध्यान रखें, डेंगू के अधिकांश संक्रमण हल्के होते हैं, जो उपचार के बाद आसानी से ठीक हो जाया करते हैं। इसके बाद डेंगू संक्रमित व्यक्ति को ओआरएस और नारियल पानी सहित तरल पदार्थ देते रहें। डॉक्टर की सलाह के बाद बुखार या शरीर में दर्द महसूस होने पर पीड़ित को पेरासिटामोल दे सकते हैं।