परवेज अख्तर/सिवान: जिले में डेंगू का प्रकोप जारी है। पिछले दो दिनों में डेंगू के 24 मरीज मिले हैं। इस तरह सरकारी आंकड़ों के अनुसार डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 260 पर पहुंच गया है। जिले के मैरवा, बड़हरिया एवं सदर प्रखंड में डेंगू के कहर से आम लोग परेशान है। सरकारी अस्पतालों में मुकम्मल व्यवस्था नहीं होने से लोग निजी अस्पतालों में इलाज कराने को मजबूर हैं। जिले के कई स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू जांच किट भी उपलब्ध नहीं है। सिवान शहरी क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक भी मेडिकल जांच कैंप का आयोजन नहीं किया गया। सिविल सर्जन् डा. अनिल कुमार भट्ट ने बताया कि मच्छर जनित रोग डेंगू के लक्षणों की पहचान कर उपचार शुरू कर देनी चाहिए। एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है। इस वायरस से संक्रमित मच्छर दिन में अधिक काटते हैं। यह संक्रमण फ्लेविविरिडे परिवार के एक वायरस के सेरोटाइप- डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4 के कारण होता है। हालांकि, यह वायरस 10 दिनों से अधिक समय तक के लिए जीवित नहीं रह पाते हैं। लेकिन डेंगू संमण गंभीर रूप लेने पर रोगी को डेंगू रक्तस्रावी बुखार होने का खतरा बढ़ जाता है। डेंगू बुखार में ब्लड प्लेटलेट्स काफी तेजी से कम होने लगते हैं। जिसकी वजह से व्यक्ति को हैवी ब्लीडिंग, ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट, यहां तक कि पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु तक हो सकती है।
डेंगू संक्रमण के लक्षण :
डेंगू बुखार को हड्डी तोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है। डेंगू संक्रमण होने पर बच्चों को तेज बुखार के साथ पेट में तेज दर्द, मसूड़ों या नाक से खून आना, उल्टी या मल में खून आना, बेचैनी-सुस्ती या चिड़चिड़ापन की समस्या देखी जा सकती है। जिसके बाद रोगी की तुरंत जांच करवाना आवश्यक हो जाता है।
बचाव के लिए करें ये काम :
- – घर के आसपास पानी ना जमा होने दें।
- – कूलर का पानी हफ्ते में एक बार जरूर बदले।
- – घर में कीटनाशक दवाई छिड़के।
- – बच्चों को पूरी आस्तीन के कपड़े पहनाकर रखें।
- – मच्छरदानी का प्रयोग करें।
- – टंकियों और बर्तनों को ढक कर रखें।