सिवान: धनतेरस आज, बाजारों में बढ़ी चहल-पहल

0
dhanterash ki kharidari

भगवान धन्वंतरि की पूजा से चमकेगी किस्मत

विज्ञापन
pervej akhtar siwan online
WhatsApp Image 2023-10-11 at 9.50.09 PM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.50 AM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.51 AM
ahmadali

परवेज अख्तर/सिवान: जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में धनतेरस का पर्व शुक्रवार को मनाया जाएगा। धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार 10 नवंबर की सुबह 9.18 बजे से अगले दिन यानी 11 नवंबर की दोपहर 1:18 तक है। इसको लेकर तैयारी भी पूरी कर ली गई है। धनतेरस के एक दिन पूर्व गुरुवार को खरीदारी के लिए बाजारों में काफी चहल पहल देखी गई। दुकानदारों ने अपनी अपनी दुकानों के आगे सामग्री निकाल उनकी सजावट शुरू कर दी थी। इस दौरान बर्तन, दीये, भगवान गणेश-लक्ष्मी, इलेक्ट्रानिक्स दुकान, फल, राशन, कपड़े सहित अन्य दुकानों में लोगों की अधिक भीड़ देखी गई। इस दौरान दुकानदारों द्वारा अपनी-अपनी दुकानों को आकर्षक ढंग से सजाया-संवारा गया था जो आसपास से गुजरने वाले लोगों की अनायास आकर्षित कर रहा था। शहर के जेपी चौक, पन्ना मार्केट, उजांय मार्केट, दरबार, महादेवा रोड, शहीद सराय, थाना रोड, गल्ला मंडी, शांति वट वृक्ष, श्रीनगर आदि जगहों पर हर दुकान में ग्राहकों की भीड़ देखी गई। धनतेरस व दीपावली को लेकर सबसे अधिक भीड़ कपड़े व राशन की दुकानों पर देखने को मिल रही है। हालांकि मोबाइल, एलईडी सहित इलेक्ट्रानिक्स आइटम की खरीदारी करने के लिए ग्राहक आनलाइन पर सामान देखने के बाद बाजारों में घूम रहे थे। स्टेशन रोड स्थित विभिन्न इलेक्ट्रानिक्स दुकानों में ग्राहकों की भीड़ देखने को मिली। त्योहार को देखते हुए दुकानों में हर आयु वर्ग के लोगों की भीड़ देखी गई। दुकानदारों का कहना है कि महंगाई के कारण अधिक कीमती सामान को खरीदने में लोग कुछ झिझक रहे हैं। बावजूद इसके दुकानों पर भीड़ उमड़ी रही।

धनतेरस का है विशेष महत्व :

दिवाली से दो दिन पूर्व धनतेरस पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन लोग धन और आरोग्य के लिए भगवान धन्वंतरि की पूजा करेंगे। यह त्योहार दीपावली के दो दिन पूर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष तेरस को मनाया जाता है। दीपावली की शुरुआत धनतेरस के साथ ही होती है। यह शब्द धन व तेरस से मिलाकर बनी है। इसलिए इसे धनतेरस कहते हैं। आंदर के पड़ेजी निवासी आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर के साथ भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। ऐसा करने से हमेशा सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन बर्तन, सोना-चांदी के सामान, झाडू आदि खरीदारी की जाती है। इस दिन खरीदे गए सामान से उसमें तेरह गुणा की वृद्धि होती है। इस दिन कुबेर की भी पूजा की जाती है। इस दिन लोग दक्षिण दिशा में दीपदान भी करते हैं, ताकि अकाल मृत्यु से बचा जा सके। इस दिन मुख्य तौर पर कुछ न कुछ सामान खरीदने की परंपरा है।

धनतेरस पर पूजा करने का शुभ मुहूर्त :

10 नवंबर की पूर्वाह्न 9:14 से अपराह्न 1:07बजे तक व अपराह्न 1:56 बजे से 2:53 बजे तक, शाम 5:38 बजे से 7:43 बजेतक चलेगी। शास्त्रों में धनतेरस पर रजत यानी चांदी क्रय करना सौभाग्य कारक बताया गया है। कहते हैं कि इस दिन खरीदे हुए चांदी में तेरह गुने की वृद्धि हो जाती है। चांदी खरीदने की स्थिति ना होने पर ताम्र या अन्य धातुओं का क्रय किया जा सकता है। सोना चांदी और अन्य धातु वृष लग्न में खरीदना चाहिए।