- इमरजेंसी सेवा को हड़ताल से रखा गया दूर, काली पट्टी लगाकर चिकित्सकों ने की इलाज
- ओपीडी सेवा रही बाधित, अस्पतालों में पसरा रहा सन्नाटा
परवेज अख्तर/सिवान: पूर्णिया में कार्यरत सर्जन डा. राजेश पासवान पर पुलिस की उपस्थिति में हुए जानलेवा हमला के विरोध में मंगलवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा एक दिवसीय हड़ताल रखा गया। इस दौरान निजी और सरकारी अस्पतालों की ओपीडी सेवा बाधित रही। इससे इलाज कराने आए मरीजों व उनके तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि सदर अस्पताल में डाक्टरों ने इस हड़ताल से इमरजेंसी सेवा को दूर रखते हुए काली पट्टी लगाकर मरीजों का इलाज भी किया। हड़ताली चिकित्सक अपनी सुरक्षा की मांग कर रहे थे। आइएमए के जिलाध्यक्ष डा. श्याम नारायण प्रसाद ने बताया कि पूर्णिया में कार्यरत सर्जन डा. राजेश पासवान के क्लीनिक में मरीज के मौत के बाद स्वजनों ने डाक्टर पर जानलेवा हमला कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस की अभिरक्षा में हमला हुआ है। फिलहाल पटना में उनका इलाज चल रहा है।
इपिडिमिक डिजिज (संशोधन) कानून 2020 के प्रावधानों को अर्न्तनिहित करने की मांग :
हड़ताली चिकित्सक एकस्वर में डाक्टरों पर ऐसे हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। इस तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं। ऐसे में सभी दोषियाें पर बिहार चिकित्सीय संस्थान एवं व्यक्ति सुरक्षा नियमावली 2018 के अंतर्गत कार्रवाई करने की मांग की। कहा कि बिहार चिकित्सीय संस्थान एवं व्यक्ति सुरक्षा कानून 2011 में इपिडिमिक डिजिज (संशोधन) कानून 2020 के प्रावधानों को अविलंब अर्न्तनिहित किया जाए, ताकि चिकित्सा संस्थानाें व चिकित्सकों के विरुद्ध हो रही हिंसा की घटना पर प्रभावी रोक लग सके।
सदर अस्पताल के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पसरा रहा सन्नाटा :
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की प्रदेश इकाई के आह्वान पर डाक्टरों की हड़ताल का सरकारी अस्पतालों पर बुरा असर देखने को मिला। चिकित्सकों के हड़ताल पर चले जाने के कारण सदर अस्पताल के ओपीडी वार्ड में स्थित रजिस्ट्रेशन काउंटर सहित सभी विभागों में सन्नाटा पसरा रहा। हालांकि स्वास्थ्यकर्मी ड्यूटी पर तैनात दिखे। वहीं प्राइवेट अस्पतालों के भी बंद रहने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा।