परवेज अख्तर/सिवान: इस्तांबुल में दुनिया के 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों के सामने यूरोपियन कांग्रेस आफ इंडोक्रायनोलाजी कांफ्रेंस में बिहार से इकलौते प्रतिनिधित्व करने वाले जिले के मशहूर मधुमेह रोग विशेषज्ञ डा. के एहतेशाम अहमद ने अपने शोध कार्यों को प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि मधुमेह के रोगियों में नान अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज की चिकित्सा एक चुनौती है, जहां पर मधुमेह के नियंत्रण के साथ-साथ लीवर फैट कंटेंट को भी नियंत्रित करना पड़ता है। अपने अध्ययन में उन्होंने नन एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज की बीमारी में हाइपरग्लाइसीमिया की स्थिति को चिकित्सा जगत कैसे निपटें, इस विषय पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि कुल 184 मरीजों को तीन ग्रुपों में रखकर 16 हफ्तों तक उनका इलाज किया गया। पहले ग्रुप में लाइफस्टाइल इंटरवेंशन पर जोर दिया गया, जबकि दूसरे ग्रुप के मरीजों को लाइफस्टाइल इंटरवेंशन के साथ-साथ पायोग्लिटाजोन 15 मिलीग्राम रोजाना दिया गया और तीसरे ग्रुप के मरीजों को लाइफस्टाइल इंटरवेंशन के साथ-साथ 1.5 ग्राम बरबेरीन हाइड्रोक्लोराइड की खुराक कर दी गई। अध्ययन में ब्लड इंसुलिन ओस्टियोकैल्सीन सी रिएक्टिव प्रोटीन लिवर एंजाइम्स ग्लूकोस और लिपिड मेटाबालिज्म हीपेटिक फैट कंटेंट्स जैसे मार्कर को चिकित्सा से पहले और चिकित्सा के बाद में अध्ययन किया गया।