साइबर अपराध होने पर 1930 नंबर पर करें शिकायत
परवेज अख्तर/सिवान: साइबर क्राइम का जाल शहरों के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से फैलने लगा है। डिजिटलीकरण से एक ओर जहां लोगों का काम आसान हुआ है, वहीं लोग साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं। मोबाइल धारकों की संख्या बढ़ने से साइबर ठगों का काम भी आसान हुआ है। जागरुकता के अभाव में साइबर ठग बेरोजगार युवाओं को निशाना बना रहे हैं। साइबर ठग ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को काल कर तरह तरह के प्रलोभन देकर उन्हें अपने झांसे में ले लेते हैं और खाते से रुपये ठग लेते हैं। इसका मुख्य कारण साइबर सेल की जागरुकता अपील पर अमल करने के बजाय इसे दरकिनार करना है। स्मार्टफोन के जरिये दुनिया भले ही आपकी मुठ्ठी में है, पर यहां एक चूक से जेब ढीली होने में समय नहीं लगेगा। इतना ही नहीं, अजनबी से दोस्ती के बाद उसकी वीडियो काल रिसीव करते ही आप ब्लैकमेल करने वाले गिरोह के चंगुल में भी फंस सकते हैं।
इंटरनेट मीडिया पर अलग-अलग साइबर गिरोह
इंटरनेट मीडिया पर अलग-अलग साइबर गिरोह सक्रिय हैं। अब मोबाइल पर काल करने के बजाए साइबर अपराधी इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर भी गहरी पैठ बना चुके हैं। ऐसे कई ऐसे मामले भी हैं, जहां पुलिस के लिए साइबर अपराधियों तक पहुंचना चुनौती है।
इन बातों का रखें ध्यान
- आनलाइन शापिंग के लिए प्रतिष्ठित वेबसाइट के अलावा अनजान वेबसाइट को चुनने से बचें।
- जब भी अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर खाते से बदलें तो उसकी लिखित सूचना बैंक को जरूर दें।
- इंटरनेट मीडिया पर अंतरंग फोटो शेयर करने से बचें, अधिक निजी फोटो साझा न करें।
- अजनबी के नंबर से आ रही वीडियो काल रिसीव करने से बचें।
- फोन पर बैंक डिटेल या पिन कोड किसी को न बताएं।
- कोई बैंक फोन करके या ई-मेल के जरिये आपका पासवर्ड कभी नहीं पूछता।
कहते हैं अधिकारी - शहर से लेकर गांवों में साइबर क्राइम को लेकर लोगों को जागरूक किया जाता है। इसके बाद भी कई तरीके से साइबर गिरोह लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं।
- विनोद कुमार, पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय सह थानाध्यक्ष साइबर थाना।