सिवान: सूडान से लौटे बबलू इलेक्ट्रीशियन तो वीरेंद्र कर रहे हैं खेतीबारी

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परवेज अख्तर/सिवान: सूडान में गृहयुद्ध के दौरान जिले के कई लोग फंस गए थे। भारत सरकार के सहयोग उन्हें किसी तरह देश लाया गय जहां से सभी प्रवासी अपने-अपने घर पहुंचे। प्रवासियों को सूडान से लौटे करीब एक सप्ताह से अधिक हो गए। इस दौरान उनकी स्थिति की जानकारी ली गई तो वे सभी ने कहा कि घर लौटने के बाद हमलोग अपने-अपने कार्य में जुट गए हैं। फिलहाल वहां जाने की कोई योजना नहीं है। हुसैनगंज प्रखंड क्षेत्र के बघौनी निवासी वीरेंद्र यादव ने बताया कि सूडान में मिलिट्री और पारा मिल्ट्री के बीच युद्ध के कारण विदेशी नागरिकों को प्रताड़ित किया जाता था। सरकार की मदद से पानी जहाज द्वारा सउदी वहां से हवाई जहाज द्वारा दिल्ली लाया गया था। वीरेंद्र ने कहा कि फिलहाल घर पर खेतीबारी कर परिवार का भरण पोषण कर रहा हूं। स्थिति सामान्य हुई तो दोबारा जाने की कोशिश करूंगा। वहीं हथौड़ा निवासी बबलू कुमार ने दिल्ली में हैं। फोन से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि घर की माली हालत अच्छी नहीं है, इसलिए मैं घर ना लौटकर दिल्ली में ही एक निजी कंपनी में इलेक्ट्रीशियन का काम कर परिवार का खर्च चला रहा हूं।

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वहीं दारौंदा के बेलागोविंदापुर निवासी जगलाल महतो ने बताया कि फिलहाल घर पर खेतीबारी का कार्य कर रहा हूं। सूडान में जब तक पूरी तरह शांत माहौल नहीं होगा वहां नहीं जाएंगे। बताया कि सूडान नहीं जाने से कुछ आर्थिक परेशानियां बढ़ गई हैं। वहां सात वर्षों से रह रहे थे, इसके पहले कभी भी ऐसी हालत नहीं हुई थी जान है तो जहान है। माहौल शांत होने वहां जाने का निर्णय लिया जाएगा। अपने घर एवं बाल बच्चों के साथ सुकून मिल रहा है। बताया कि पिछले महीने बेटी की शादी में आए हुए थे। पांच अप्रैल को सूडान के लिए रवाना हो गए थे। वहां पहुंचा तो स्थिति काफी खराब हो गई थी। जगह-जगह बमबारी, गोली मारने की घटनाएं, लूट पाट की जा रही थी। हमलोगों को उमेगा स्टील कंपनी ने सुरक्षा को लेकर एक कमरे में रख दिया। वहां खाना पीने के लिए काफी परेशानी बढ़ गई थी। हमलोगों से लूटपाट कर मोबाइल एवं रुपये छीन लिए गए थे। केंद्र सरकार के पहल पर हमलोग सकुशल घर लौटे। उन्होंने कहा कि फिलहाल वहां अभी जाने की कोई योजना नहीं है।