- नियोजित शिक्षकों के प्रति सरकार का रवैया उदासीन
- प्रगतिशील प्रारंभिक शिक्षक संघ ने जताई है नाराजगी
परवेज अख्तर/सिवान: ग्यारह दिन बाद भी नियोजित शिक्षकों की 15 प्रतिशत की वेतन वृद्धि की पर्ची नहीं निकलने पर नाराजगी जाहिर की गई है। प्रगतिशील प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मंगल कुमार साह ने कहा कि सरकार नियोजित शिक्षकों के प्रति उदासीन रवैया अपनाई हुई है। नियोजित शिक्षकों को 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि का लाभ एक अप्रैल 2021 से मिलना है, लेकिन 10 माह बाद भी बढ़े हुए वेतन मिलने का इंतजार शिक्षक कर रहे हैं। शिक्षा विभाग ने जिलों के लिए एनआईसी द्वारा ऑनलाइन पे कैलकुलेटर साफ्टवेयर तैयार कराया, ताकि वेतन निर्धारण में गलती नहीं हो व हो सभी शिक्षको का वेतन निर्धारण समय पर हो जाए। साथ ही बढ़े हुए वेतन व एरियर का भुगतान जनवरी 2022 से प्रारंभ कर दिया जाए।
कहा कि दुर्भाग्य यह है कि पे फिक्सेशन कार्य अभी तक लम्बित है। शिक्षक बढ़े हुए दर से वेतन के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। शिक्षकों का बढ़े हुए वेतन के साथ डाटा अपलोड हो चुका है, लेकिन डिजिटल सिग्नेचर नहीं होने से पे फिक्सेशन स्लिप निर्गत नहीं हो पा रहा है। 18 जनवरी को माध्यमिक शिक्षा निदेशक सह विशेष सचिव शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के डीईओ व डीपीओ स्थापना को 20 जनवरी तक डाटा अपलोड व 25 जनवरी तक आपत्ति निराकरण कर डाटा को एप्रुव कर शिक्षकों का पे फिक्सेशन स्लिप डिजिटल हस्ताक्षर से निर्गत करने का आदेश दिया था। इस आशय की सुचना वेबसाइट पर भी दे दी गई थी लेकिन ग्यारह दिन बाद भी एक भी शिक्षकों का एप्रुव नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है।