परवेज अख्तर/सीवान: बसंत पंचमी के तीसरे दिन विद्या व संगीत की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती को नम आंखों से विदा कर प्रतिमा का विसर्जन शनिवार को किया गया। विदाई के पूर्व मां सरस्वती की प्रतिमा की सुहागिनों ने खोइछा भराई की रस्म अदा की। इसके बाद सरकारी व निजी विद्यालयों सहित कोचिंग संस्थानों के साथ घरों में स्थापित प्रतिमा के समक्ष हवन पूजन के बाद मां सरस्वती की प्रतिमा का भ्रमण कर दाहा नदी समेत विभिन्न जलाशयों में विसर्जन किया गया। विसर्जन के दौरान भक्तिमय गीतों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो उठा था। सबसे ज्यादा उत्साह युवाओं व बच्चों के बीच देखने को मिला। युवाओं द्वारा विद्या की देवी मां शारदे के गगनभेदी नारों से सारा माहौल भक्तिमय बना रहा। वहीं सुरक्षा को लेकर शहर के प्रमुख चौक चौराहों पर मजिस्ट्रेट केे साथ अर्द्धसैनिक बल के साथ जिला पुलिस बल के जवान तैनात रहे। प्रतिमा विसर्जन जुलूस में भी पुलिस के जवान साथ-साथ चल रहे थे।
गाजे-बाजे के साथ ढोल व तासे की थाप पर नाचते- थिरकते व अबीर लगा रहे थे लोग :
जिला मुख्यालय के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में शनिवार की दोपहर से ही विसर्जन की शोभायात्रा शुरू हो गई थी। यह सिलसिला देर शाम तक चलता ही रहा। प्रतिमा विसर्जन शोभा यात्रा विभिन्न सड़कों से गुजरती रही। विभिन्न पूजा पंडालों द्वारा अलग-अलग निकाली गई विसर्जन शोभा यात्रा में शामिल विद्यार्थी व अन्य लोग गाजे-बाजे के साथ ढोल व तासे की थाप पर नाचते-थिरकते और एक दूसरे को अबीर-गुलाल लगाते चल रहे थे। जिला मुख्यालय समेत आंदर, बड़हरिया,बसंतपुर, गुठनी, गोरेयाकोठी, भगवानपुर हाट,मैरवा, नौतन, जीरादेई, दारौंदा, पचरुखी, रघुनाथपुर, सिसवन, हसनपुरा, महाराजगंज सहित सभी प्रखंडों में शनिवार को मां वीणावादिनी को नम आंखों से विदाई दी गई।