परवेज अख्तर/सिवान: अखंड सौभाग्य का पर्व हरतालिका तीज गुरुवार को श्रद्धा व उल्लास से मनाया गया.पति की दीर्घायु के लिए सौभाग्यवती महिलाओं ने 24 घंटे का निर्जला व्रत रखा.वही कुवांरी कन्याओं ने व्रत रखकर सुंदर, सुलक्षण व सुयोग्य वर की प्राप्ति की कामना किया.
महिलाओं व युवतियों ने सोलह शृंगार करके विधिविधान से शिव-पार्वती का पूजन-अर्चन किया और मंगल गीत गाया. इस अवसर पर महिलाओं ने तरह-तरह की डिजाइन की मेहंदी लगाई. साथ ही नए कपड़े व आभूषण से सज-संवर कर पूजन किया और ब्राह्मणों से व्रत की पौराणिक कथा सुनी.ब्राह्मण को भोजन,वस्त्र व दक्षिणा देकर विदा किया. पंडित अवधकिशोर ओझा ने बताया कि हरितालिका तीज व्रत का सनातन परंपरा में विशेष स्थान है.यह व्रत सौभाग्य की रक्षा के लिए किया जाता है.इस बार का
हरितालिका व्रत सोमवार के दिन होने से ज्यादा पुण्यदायी रहा.क्योंकि 14 वर्ष बाद चित्रा नक्षत्र व रवि योग का संगम हुआ है.यह योग अखंड सौभाग्य के लिए उत्तम माना गया है.मान्यता है इसी दिन माता पार्वती का जन्म हुआ था और महिलाओं को सौभाग्य प्रदान करने का वरदान मिला था. व्रती महिलाओं ने मनोकामना की प्राप्ति के लिए शिव मंदिरों में पूजा-अर्चना की. साथ ही फल, खीरा, मिठाई, वस्त्र, सुहाग की सामग्री दान किया.