परवेज़ अख्तर/सिवान:
जल जीवन हरियाली मिशन योजना का हाल जिले में ठीक नहीं है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जिला प्रशासन के पदाधिकारी योजना को लेकर उदासीन बने हुए हैं। जबकि अभियान में जिला को नंबर वन बनाने के लिए अधिकारियों ने कोई कोर कसर नही छोड़ा था। नवंबर माह की जारी रैंकिग में कुल 100 में 15.20 अंक के साथ जिला 24वें पायदान पर है। रैंकिग जारी होने के बाद अधिकारी स्थिति को सुधारने की दिशा मे जुट गए हैं। डीडीसी दीपक कुमार सिंह ने बताया कि अगली रैंकिग में जिले की स्थिति और बेहतर हो इसके लिए जल जीवन हरियाली से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन में वन एवं पर्यावरण विभाग, कृषि विभाग, शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, मनरेगा, भूमि संरक्षण, पीएचईडी, भवन, सिचाई, जल संसाधन विभाग, लघु सिचाई विभाग समेत अन्य विभाग पूरे जोर-शोर से जुट गए हैं। बता दें कि जल जीवन हरियाली योजना में अक्टूबर माह में 34वें पायदान पर था। योजना में भवनों में छत-वर्षा जल संचयन की संरचना निर्माण में पहला रैंक प्राप्त हुआ है। जबकि अन्य अवयवों में काफी खराब स्थिति है।
तीन अवयवों में है सबसे खराब स्थिति
प्राप्त जानकारी के अनुसार जल जीवन हरियाली योजना के तहत वन विभाग व ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पौधशाला सृजन एवं सघन पौधारोपण में जिला को दस में शून्य अंक मिला है। इससे जिले को 34वां रैंक मिला है। वहीं सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं को चिह्नित कर अतिक्रमण मुक्त कराने के मानक पर 10 में से चार अंक प्राप्त हुए हैं। सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं के जीर्णोद्धार की श्रेणी में 20 में 0.72, सार्वजनिक कुओं को चिह्नित कर उनका जीर्णोद्धार करने में 10 में 2.01 अंक मिले हैं। वहीं सार्वजनिक कुआं/चापाकलों के किनारे सोख्ता/रिचार्ज/अन्य जल संचयन संरचना के निर्माण में 10 में 1.53, नए जल स्रोतों का सृजन एवं अधिशेष नदी जल क्षेत्र से जल की कमी वाले क्षेत्रों में जल ले जाने में 10 में एक, जबकि भवनों में छत-वर्षा जल संचयन की संरचना निर्माण में 10 में 5.94 अंक, वैकल्पिक फसलों, टपकन सिचाई, जैविक खेती एवं अन्य नई तकनीकों के उपयोग में आठ में शून्य तथा सौर ऊर्जा उपयोग को प्रोत्साहन एवं ऊर्जा की बचत में छह में शून्य अंक प्राप्त हुए हैं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
जल जीवन, हरियाली मिशन में जिले की स्थिति अन्य जिलों की अपेक्षा ठीक नहीं है। रैंकिग में सुधार हो इसको ले संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। बेहतर रैंकिग के लिए सभी लोग प्रयासरत हैं। जिन अवयवों में कम अंक मिले है, खासकर उनमें बेहतर करने का खासतौर पर निर्देश दिया गया है।